रायपुर. छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम ने कार्यदिश जारी होने के बाद समय पर पाठ्य पुस्तकें नहीं छापने और पाठ्य पुस्तकें सप्लाई प्रभावित होने के मामले में टेक्नो प्रिंटर को नोटिस भेजा गया है. साथ ही सुरक्षा निधि और शेष जमा राशियों को क्षतिपूर्ति के रूप में वसूलने की चेतावनी दी है. नोटिस के खिलाफ टेक्नो प्रिंटर ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई थी, जो आज खारिज हो गई.

बता दें कि, कल ही ऐसे ही समांतर मामले में शारदा प्रिंटर की याचिका भी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा खारिज की गई है.
वर्ष 2020-21में स्कूली बच्चों को वितरित की जाने वाली पाठ्य पुस्तकों के मुद्रण के लिए टेंडर के बाद टेक्नो प्रिंट्स के साथ पाठ्य पुस्तक निगम ने अनुबंध किया था. टेक्नो प्रिंट्स को 267.496 मी. टन का मुद्रण कार्य आवंटित किया गया था, किन्तु समय पर पुस्तकों के मुद्रण का कार्य नहीं किया जा सका. ऐसे में पाठ्य पुस्तक निगम ने अन्य मुद्रकों को आवंटित कर मुद्रण कराया.

निगम के अनुसार समय पर कार्य नहीं होने से दूसरों को काम देने पर पुस्तक मुद्रण में देरी हुई और सप्लाई भी प्रभावित हुई. इस मामले में निगम ने पूर्व में नोटिस जारी कर ब्लैकलिस्टेड किया था. कोर्ट से राहत मिलने के बाद इस बार फिर निगम ने टेक्नो प्रिंटर को कारण बताओ नोटिस दिया था, जिस पर आज मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका को निरस्त कर दिया. निगम के सामने जाकर जवाब के लिए निर्देशित किया. ज्ञात हो कि निगम द्वारा उक्त कारण बताओ नोटिस सुरक्षा निधि और शेष जमा राशियों को क्षतिपूर्ति के रूप में वसूल करने के लिए दिया गया है. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से आशुतोष पाण्डेय और निगम की ओर से अधिवक्ता अर्जित तिवारी ने पक्ष रखा.