सुशील सलाम, कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर के एमजी वार्ड से आज एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आंगनबाड़ी केंद्र से घर लौटते समय 3 वर्षीय मासूम की नदी में डूबने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा उस वक्त हुआ जब बच्चा आंगनबाड़ी से पड़ोसी महिला के साथ घर के लिए निकला था, लेकिन रास्ते में बच्चा महिला से बिछड़ गया। उसकी लाश पास बह रही दूध नदी में मिली है। कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर घटना की जांच शुरू कर दी है।

घटना की सूचना मिलते ही मोहल्ले में हड़कंप मच गया। मोहल्लेवालों की मदद से बच्चे के शव को नदी से बाहर निकाला गया। मृतक बच्चे की पहचान शेखर वाल्मीकि के पुत्र के रूप में हुई है। इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है और पूरे मोहल्ले में शोक की लहर है।

आंगनबाड़ी से 100 मीटर दूर है नदी पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

गौर करने वाली बात यह है कि जिस नदी में बच्चा डूबा, वह आंगनबाड़ी केंद्र से महज 100 मीटर की दूरी पर है। बावजूद इसके महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए थे, जिससे यह बड़ा हादसा हो गया।

क्या कहती हैं आंगनबाड़ी सहायिका और पड़ोसी महिला?

आंगनबाड़ी सहायिका गीता यादव के अनुसार, बच्चा दो दिनों से ही आंगनबाड़ी आ रहा था। शुक्रवार को दोपहर लगभग डेढ़ बजे वह पड़ोसी महिला के साथ घर जाने के लिए निकला था। वहीं पड़ोसी महिला किरण पटेल ने बताया, मैं अपनी बच्ची को लेने आंगनबाड़ी गई थी। उसी दौरान वह बच्चा भी पीछे-पीछे चल पड़ा। घर पहुंचने के बाद मैंने उसे उसके घर जाने को कहा, लेकिन उसके बाद वह कहां गया, मुझे नहीं पता।

परिजन बोले – आंबा कार्यकर्ता, सहायिका और पड़ोसी महिला जिम्मेदार

बच्चे के परिजनों का कहना है कि इस हादसे के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और पड़ोसी महिला तीनों जिम्मेदार हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी लापरवाही के चलते उनका मासूम बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा।