वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। अरपा रिवाइवल कमेटी की बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि अरपा के उद्गम स्थल का एक बार फिर अगले सप्ताह निरीक्षण किया जाएगा. इसके साथ ही भिलाई की आईआईटी टीम पूरे क्षेत्र का सर्वे करते हुए रिपोर्ट तैयार करेगी. अरपा के उद्गम स्थल को संरक्षित करने के लिए 5 एकड़ जमीन अधिग्रहित करनी होगी. जहां एक जल कुंड और स्टाप डेम का निर्माण होगा. यह पूरी रिपोर्ट 26 जून को हाईकोर्ट में पेश की जाएगी.

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में अरपा रिवाइवल कमेटी की बैठक आयोजित की गई. अरपा के पुनर्जीवन के संबंध में हाई कोर्ट में दाखिल पीआईएल के बाद कार्यों में आई प्रगति की समीक्षा की गई. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (जीपीएम) कलेक्टर लीना मण्डावी, निगम आयुक्त अमित कुमार और भिलाई आईआईटी के निदेशक सहित याचिकाकर्ता अरविन्द कुमार शुक्ला, न्यायमित्र आशुतोष कछवाहा, इकोलॉजिस्ट डॉ. नीरज तिवारी, अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके गुप्ता एवं जिला कलेक्टर द्वारा गठित उप समिति के सदस्य शामिल हुए.

बैठक में मुख्य चर्चा आईआईटी भिलाई द्वारा प्रस्तुत प्रस्तुतिकरण तथा अरपा नदी में आईआईटी द्वारा किये जा सकने वाले सर्वे कार्य को प्रारंभ करने और विश्लेषित करने पर रहा. नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने बैठक में प्रस्ताव दिया कि आईआईटी के रिसर्च स्कॉलरों की अरपा नदी के भौतिक सर्वे से पूर्व मुख्य परिस्थितियों से उन्हें अवगत कराया जाये और नदी की विभिन्न समस्याओं तथा विभागीय कार्यों, जिसे पहले ही कार्य-योजना में शामिल कर लिया गया है. उन कार्यों के विश्लेषण और मूल्यांकन संबंधी सुझाव प्रदान किये जाएं. इकोलॉजिस्ट डॉ. नीरज तिवारी की ओर से वानिकी और कलेक्टर की ओर से स्थापित उप समितियों में से प्रदत्त सभी जानकारियों को एकीकृत कर आईआईटी के भौतिक सर्वेक्षण जो कि लाईडर सर्वे होगा, जिससे विस्तृत परियोजना प्राक्कलन तैयार किया जाए और मूलतः नदी के उद्गम स्थल का भूमि अधिग्रहण कर यथाशीघ्र प्रशासकीय रूपरेखा तैयार किया जाये.

अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके गुप्ता ने आने वाले 26 जून को न्यायालय में प्रस्तुत करने वाले दस्तावेज तैयार करने का सुझाव दिया. जीपीएम कलेक्टर लीना मण्डावी ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को प्राथमिकता से किये जाने की जानकारी दी गई. इस क्रम में समिति अगले सप्ताह अरपा उद्गम स्थल का दौरा करने का निर्णय भी लिया गया.