सुप्रिया पांडेय, रायपुर. प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा 75 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला को उठाना पड़ रहा है. दरअसल रायपुर स्थित कुशालपुर निवासी उषा ठाकुर ने प्रधानमंत्री आवास योजना के प्राप्त पैसों से अपना घर बनवाया. किराएदार ने वृद्ध महिला के घर पर कब्जा कर लिया. जिसकी शिकायत लेकर वृद्ध महिला लगातार कलेक्टर के पास भी जाती रही, लेकिन कलेक्टर ने एसडीएम और एसडीएम ने तहसीलदार के पास जाने की बात कह दी. बुजुर्ग महिला लगातर सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रही है, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

वृद्ध महिला उषा ठाकुर ने कहा कि इस उम्र में वो अब जाए तो कहां जाए. उसका कोई भी नहीं है और वो अकेली रहती है. इतना ही नहीं किराएदार ने वृद्ध महिला को उसके खुद के ही घर से निकाल दिया. अब वृद्धा पड़ोसी के घर में रहती है. पीड़िता उषा ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उन्हे 2 लाख 20 हजार रुपए मिले थे. कुछ पैसे मिलाकर उन्होने अपना घर बनवाया, फिर पवन तिवारी नाम का एक किरायादार आया. उसने कहा कि वो मेरी सेवा करेगा और किराया भी देगा. छह महीने ब्रेन हेमरेज की तकलीफ होने का बहाना बनाया, फिर हार्ट के पेशेंट होने का और धीरे से उसने घर पर कब्जा कर लिया.

पड़ोसी के घर में रहती है बुजुर्ग महिला

पीड़िता ने बताया कि किराएदार ने मकान खाली नहीं करने की धमकी देकर मुझे खुद के ही घर से निकाल दिया. अब वो पड़ोसी के घर में रहती हैं. वहीं पड़ोसी उषा शर्मा ने कहा कि उन्होंने पड़ोसी होने के नाते वृद्ध महिला को अपने घर पर रखा हैं. काफी महिलाओं ने मिलकर उषा ठाकुर की मदद की कोशिश भी की, पर किराएदार ने घर खाली नहीं किया और अब किरायेदार ने धमकी दी कि मामला कोर्ट तक लेकर जाए, ताकि सुनवाई में देर हो और महिला की मृत्यु होने के बाद घर उसका हो जाए. दरअसल कलेक्टोरेट जनदर्शन के दौरान वृद्ध महिला उषा ठाकुर अपनी शिकायत लेकर न्याय की उम्मीद लिए कलेक्टर से मिलने पहुंची थी.

कलेक्ट्रेट में आए जमीन विवाद से ही संबंधित कई मामले

वहीं रायपुर कलेक्ट्रेट में इस बार फिर ज्यादातर मामले जमीन विवाद से ही संबंधित थे, जहां खरोरा निवासी कृपाराम देवांगन ने कहा कि 25 मार्च 2019 को हाईकोर्ट से अवैध जमीन पर कब्जा हटाने को लेकर आर्डर आया था, लेकिन अभी भी उनकी जमीन को पार्षद ने कब्जा कर रखा है. नायब तहसीलदार भी जमीन को आधा ही खाली करवा पाए, इसकी शिकायत लेकर वह कई बार कलेक्ट्रेट भी आ चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

सरकारी जमीन बताकर खेत पर कब्जा

जमीन संबंधी विवाद को लेकर सुरेश शुक्ला ने बताया कि उनके खेत के पास सरकारी जमीन है और उनके खेत कोई सरकारी जमीन बताकर कब्जा कर लिया गया है. वे खेत की फसल को भी रख लेते हैं, लगातार इस मामले में तहसीलदार को आवेदन दिया उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. इसलिए कलेक्टर के पास पहुंचे हैं.

स्कूल के नाम पर जनीन पर कब्जा

वहीं जमीन की बात को लेकर गिरजा मिश्रा ने बताया कि उनके दामाद ने स्कूल खरीदी थी. उनकी मृत्यु के बाद वे ही स्कूल चलाना चाहते थे, लेकिन स्कूल की एक शिक्षिका ने स्कूल को कब्जा कर लिया है और वो स्कूल को किराया भी देती है. स्कूल संचालित भी नहीं करने देती, जिसकी शिकायत लेकर कलेक्टर के द्वार पहुंची हैं.