रायपुर. राजधानी रायपुर में एक महिला मंगलवार को महिला आयोग की जनसुनवाई में पहुंची. यहां उन्होंने बताया कि बेटे ने मई माह में आत्महत्या की और सुसाइड नोट में लिखा था कि वह अपनी पत्नी के कारण खुदकुशी की है. मृतक युवक की मां ने महिला आयोग में सुनवाई के दौरान ये आरोप लगाया कि मामले में पुलिस जांच-पड़ताल के नाम पर महज दिखावा कर रही है. अभी तक इस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई. एफआईआर की कॉपी भी अब तक नहीं मिली है. पीड़िता ने आयोग से न्याय की गुहार लगाई. सुनवाई के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने थाना प्रभारी को पत्र प्रेषित कर उपस्थित होने के निर्देश दिए.

इस मामले में महिला के पुत्र ने सुसाइड नोट लिखा था कि “मैं अपनी पत्नी के कारण सुसाइड कर रहा हूं” जिसकी जांच पुलिस थाना आजाद चौक, रायपुर द्वारा किया जा रहा था पर अभी तक किसी भी प्रकार से कार्यवाही नहीं किया गया है और एफआईआर की कॉपी भी नहीं मिली है. आवेदिका के पुत्र ने मई माह में आत्महत्या की है. इस प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए थाना प्रभारी आजाद चौक रायपुर और तत्कालीन सब इंस्पेक्टर को आयोग के समक्ष उपस्थित करने के निर्देश आयोग की अध्यक्ष ने दिए हैं.

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक और सदस्य नीता विश्वकर्मा की उपस्थिति में आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई. आज एक प्रकरण में पिछले सुनवाई में आवेदिका के गायब होने की शिकायत आवेदिका की ओर से उपस्थित पक्षकार ने किया था. अनावेदक ने आज दस्तावेज दिखाए है जिसमे मकान को खाली करने का प्रकरण कलेक्टर कार्यालय में केस दर्ज किया हुआ है, आवेदिकागणों ने स्वीकार किया कि प्रकरण कलेक्टर न्यायालय में विचाराधीन है. महिला आयोग के अधिनियम मे किसी न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने पर किसी प्रकरण की सुनवाई नहीं किया जा सकता, इस आधार पर इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया.

इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पति के द्वारा पत्नी के उपर चारित्रिक दोषारोपण करते हुए सामाजिक बैठक बुलाया गया, जहां सभी अनावेदक उपस्थित थे. प्रकरण गंभीर प्रकृति का होने के कारण समस्त अनावेदकगणों को आयोग द्वारा समझाईश दिया गया कि समाज प्रमुख अनावेदक को लेकर उपस्थित हो अन्यथा कड़ी कार्यवाही के लिए अनावेदकगण स्वयं जिम्मेदार रहेंगे. कार्यस्थल पर प्रताड़ना के प्रकरण में अनावेदक ने आयोग के समक्ष आवेदिका से माफी मांगा, जिससे प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया. आज जनसुनवाई में 20 प्रकरण में 18 पक्षकार उपस्थित हुए और 6 प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया. बाकी मामले को अगली सुनवाई में रखा जाएगा.