प्रतीक चौहान. रायपुर. ‘आंख जानबूझकर बंद नहीं कर पाती’… ये कहना है उस महिला आईपीएस का जिन्होंने तीसरी बार में यूपीएससी क्रैक किया.
दूसरी बार के प्रयास में वे इंटरव्यू तक पहुंची, जिसमें उनकी कुकिंग की हॉबी को देखते हुए उनसे ये सवाल किया गया था कि ‘मलाई कोफ्ता’ कैसे बनाया जाता है. जिसका जवाब उन्होंने बेहद अच्छे तरीके से दिया. लेकिन उनका फाइनल लिस्ट में नाम नहीं था, यानी उनका सलेक्शन नहीं हो सका. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि उन्होंने ये रैसेपी गलत बताई थीं.
हम बात कर रहे है 2019 बैच की आईपीएस रत्ना सिंह (IPS Ratna Singh) की. जो वर्तमान में आजाद चौक सीएसपी हैं. वे मूलतः कानपुर की रहने वाली हैं.
ज्योतिष ने पहले ही कह दिया था, बेटी वर्दी पहनेगी…
आईपीएस रत्ना सिंह कहती है कि उनके पिता ज्योतिष में भरोसा रखते थे. इसलिए बचपन में ही वे एक बार कानपुर में ज्योतिष के पास उनकी कुंडली लेकर गए थे. जिसे देखने के बाद पंडित जी ने कह दिया था कि बेटी वर्दी पहनेगी. हालांकि वे कहती है कि उन्हें ज्योतिष पर कुछ खास भरोसा नहीं है. वे यूपीएससी क्रैक करने से पहले उन्होंने बी टेक की पढ़ाई की है.
बचपन में कर दी थी पिटाई, पैरेंट्स पहुंच गए थे घर
लल्लूराम डॉट कॉम के सवाल के जवाब में आईपीएस रत्ना सिंह ने बताया कि बचपन में एक बार उन्होंने क्रिकेट खेलते समय अपने सहपाठी की पिटाई कर दी थीं, जिसके बाद उसके पैरेंट्स उनके घर आएं थे और उनकी शिकायत उनके पिता से की थीं.