रायपुर. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति की वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा व्यापक जनहित में किए जा रहे कामों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के करीब 66 लाख परिवारों में से करीब 52 लाख परिवार, राज्य सरकार की किसी न किसी जनहितैषी योजना से सीधे नगद हस्तांतरण के जरिए लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से तमाम रूकावटों के बावजूद छत्तीसगढ़ में जनहित के काम अपनी गति से जारी रखे गए. समिति ने घोषणा पत्र क्रियान्वयन के मामले में छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार की अबतक की उपलब्धियों पर न केवल संतोष जाहिर किया बल्कि सरकार के कामकाज की भरपूर सराहना भी की.
घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति की बैठक रविवार को दोपहर वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये सम्पन्न हुई. बैठक में समिति के अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन प्रभारी पी.एल. पुनिया, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम भी मौजूद थे.
बैठक की शुरूआत करते हुए पुनिया ने समिति को बताया कि सरकार का कार्यकाल 5 साल के लिया होता है और अभी छत्तीसगढ़ सरकार में 3 साल भी पूरे नहीं किए हैं. इस दौरान सरकार ने जनहित में ढेर सारे फैसले किए हैं.
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का घोषणा पत्र, पार्टी के नेता श्री राहुल गांधी के मार्गदर्शन में तैयार हुआ. प्रदेश की जनता की आकांक्षायें जानने के लिए पार्टी के प्रभारी महामंत्री पी.एल. पुनिया और बतौर प्रदेश अध्यक्ष वे स्वयं पूरे प्रदेश का दौरा करते रहे. चुनाव पूर्व यह घोषणा पत्र वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव की अध्यक्षता में तैयार किया गया था.
बघेल ने कहा की राहुल गांधी की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ में पार्टी की सरकार गठन के साथ ही सबसे पहले किसानों की कर्जमाफी का बड़ा फैसला किया गया. प्रदेश में करीब 19 लाख किसानों के 9 हजार करोड़ रू. के कर्ज माफ हुए. उन्होंने बताया कि प्रदेश में किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2,500 रू. प्रति कि्ंवटल देने की शुरूआत छत्तीसगढ़ सरकार ने की लेकिन बाद में केन्द्र सरकार की ओर से इसमें रूकावटें डाली गयीं, तब छत्तीसगढ़ सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू करने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की रूकावटों के बावजूद जन घोषणा पत्र के अनुरूप धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है.
खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले राज्य के 19 लाख किसानों को चार किस्तों में 5628 करोड़ रुपए की आदान सहायता सीधे उनके बैकों में अंतरित की गई. वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान सहित अन्य निर्धारित फसल बेचने वाले 22 लाख किसानों को 5700 करोड़ रुपए दिए जाने की शुरूआत कर दी गई है. प्रथम किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपए किसानों के खाते में जमा कर दिये गए हैं.
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने अब राजीव गांधी किसान न्याय योजना को विस्तारित कर दिया है. इसके तहत अब खरीफ 2021 से धान के साथ-साथ गन्ना, मक्का, सोयाबीन और कोदो-कुटकी पैदा करने वाले किसानों को प्रति वर्ष प्रति एकड़ 9000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही 2020 में जिन किसानों ने जिस रकबे में धान की खेती की थी उस रकबे यदि वह अब धान के बदले अन्य चिन्हित फसलों का उत्पादन अथवा वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें 10,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से इनपुट सब्सिडी मिलेगी. तो ऐसी पंचायतों तथा वन प्रबंधन समितियों को भी वृक्षारोपण करने पर 10,000 रुपए प्रति एकड़ दिया जाएगा. यह सब्सिडी तीन वर्षो तक मिलेगी.
उन्होंने समिति को बताया कि प्रदेश में धान प्रमुख फसल होने के कारण बड़े पैमाने पर समर्थन मूल्य में इसकी खरीदी करनी होती है लेकिन केन्द्र सरकार सेन्ट्रल पूल के लिए हमसे अधिक चावल लेने में आना-कानी करती है. जिसके कारण हमारे धान या चावल का समुचित उपयोग नहीं हो पाता इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार ने केन्द्र से धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी ताकि राज्य को इस घाटे से उभरा जा सके, लेकिन केन्द्र ने यह अनुमति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में गन्ने का समर्थन मूल्य देश में सबसे अधिक है. लेकिन प्रदेश में शक्कर कारखानें नुकसान में चल रहे हैं, अभी हमने गन्ने से भी एथेनॉल बनाने के लिए एम.ओ.यू. किये है जिसके नतीजे अगले वर्ष तक मिलने लगेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा पत्र क्रियान्वयन समिति को बताया कि उनकी सरकार की बिजली बिल हाफ योजना का लाभ प्रदेश के हर परिवार को मिल रहा है. यह योजना 1 मार्च 2019 से लागू है और राज्य के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को खपत की गई 400 यूनिट तक की बिजली पर आधी राशि की छूट दी जा रही है. इससे पहले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 4.50 रुपए देने पड़ते थे. अब 400 यूनिट तक की बिजली खपत पर प्रति यूनिट सिर्फ 2.30 रुपए देने पड़ रहे हैं. इस योजना के प्रारंभ होने से लेकर जून 2021 तक राज्य के करीब 39 लाख 63 हजार उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ रुपए की रियायत प्रदान की गई है. इसी तरह प्रदेश के 65 लाख परिवारों को हर महीने पात्रतानुसार चावल भी दिया जा रहा है. अंत्योदय परिवारों को यह 1 रुपए प्रति किलो की दर से 35 किलो चावल देने का वादा निभाया है. बघेल ने समिति को बताया कि कोरोना काल में गरीबो को निःशुल्क चावल देने की व्यवस्था की है.
मुख्यमंत्री बघेल ने मनरेगा को लेकर भी छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में 21 लाख परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया गया. मनरेगा में भारत सरकार द्वारा स्वीकृत लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे रहा.
उन्होंने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना के संबंध में समिति को विस्तार से बताया कि किस तरह इस योजना से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की गोबर खरीदी हो चुकी है और कैसे अत्यंत गरीब परिवारों की जिन्दगी में बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ भारत सरकार कृषि को हतोत्साहित कर रही है, वहीं छत्तीसगढ़ सरकार कृषि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने गोठानों के बारे में भी विस्तार से बताया कि प्रदेश में 1000 गोठान स्वावलंबी हो गये हैं. गोधन योजना से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन भी प्रोत्साहित हो रहा है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अनुसूचित क्षेत्रों में किस तरह वैल्यू एडिशन को प्रोत्साहित कर रही है. उन्होंने बस्तर के काजू से लेकर दंतेवाड़ा के अमचूर तक का जिक्र किया. सरगुजा में स्व सहायता समूह के जरिये संचालित मिनी राईस मिल और बस्तर में कपड़ों का व्यापार कर रहें डैनेक्स प्रोजेक्ट, कोण्डागांव में संचालित तिखुर प्लांट तथा कोरबा में महिलाओं के समूह द्वारा बेची जा रहीं आयुर्वेदिक दवाओं के उदाहरणों से समिति को अवगत कराया.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समिति को बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के बाद अब भूमिहीन मजदूरों के लिए भी न्याय योजना लागू करने का निर्णय लिया है. इससे करीब 14 से 15 लाख भूमिहीनों को लाभ मिलेगा. करीब 13 लाख संग्राहकों को तेन्दूपत्ता तथा अन्य लघु वनोपजों के संग्रहण से लाभ मिल रहा है. करीब पौने दो लाख लोगों को गोधन न्याय योजना से लाभ मिल रहा है। इस तरह प्रदेश के करीब 66 लाख में से 52 लाख परिवारों को सरकार की किसी न किसी योजना से सीधे नगद हस्तांतरण का लाभ मिल रहा है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समिति को बताया कि वादे के मुताबिक उनकी सरकार का वनाधिकार कानून को पूर्णता से लागू करने पर जोर है. उन्होंने बताया कि अबतक अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य परंपरागत वन निवासियों को मार्च 2021 की स्थिति में 4,38,591 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किये गये है तथा 44,353 सामुदायिक वन अधिकार पत्र वितरित कर दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य के स्वयं सेवी संगठनों तथा सामाजिक संगठनों से भी यह अपील की है कि वे आदिवासियों को वनाधिकार पट्टे दिलाने में सरकार की मदद करें ताकि उन्हें शासन की योजनाओं का भी पूरा लाभ मिल सके.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा किये गये कामों का विस्तार से उल्लेख किया. उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के आने से पहले प्रदेश में स्वास्थ्य का ढांचा कितना कमजोर था और पिछले ढाई वर्षो में इसे सुदृढ़ करने तथा जन हितैषी बनाने में किस तरह के बड़े प्रयास किये गये. डॉक्टर खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना जिसके तहत बी.पी.एल. परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए और ए.पी.एल. परिवारों को 50 हजार रुपए तक की निःशुल्क इलाज की सुविधा है, मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना जिसके तहत जटिल एवं गंभीर रोगों के इलाज के लिए 20 लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता का प्रावधान है.
उन्होंने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना तथा मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का भी विस्तार से जिक्र किया. उन्होंने बताया कि छतीसगढ़ के विदर्भ इलाके से लगे होने के कारण कोरोना की दूसरी लहर का जिस तेजी से फैलाव हुआ था प्रदेश सरकार की तत्परता की वजह से उतनी ही तेजी से उस काबू पाया गया. उन्होंने बताया कि जहां एक तरफ देश के दूसरे राज्यों में ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार था वहीं छत्तीसगढ़ ने महाराष्ट्र, म.प्र. दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक तथा गुजरात जैसे राज्यों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की. उन्होंने प्रदेश में 70 हजार मितानिनों की भूमिका का खास तौर पर जिक्र किया जिन्होंने इस दौरान करीब 5 लाख कोरोना किट्स का वितरण किया था.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इस दौरान वे स्वयं स्थिति की नियमित मानिटरिंग करते रहे तथा समाज के हर तबके से संवाद किया. उन्होंने कोरोना टीकाकरण को लेकर भी समिति को अवगत कराया कि अगर केन्द्र सरकार टीके उपलब्ध करा दे तो छत्तीसगढ़ हर रोज तीन लाख लोगों को टीके लगाने की क्षमता रखता है. उन्होंने कहा कि उनका प्रारंभ से इस बात पर जोर है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना है. 2018 में जहां ग्रामीण क्षेत्रों में 1200 डॉक्टर थे वहां आज 3100 डॉक्टर हैं. उनकी सरकार के ऐसे ही प्रयासों की बदौलत बस्तर में मलेरिया में 45 प्रतिशत और सरगुजा में 60 प्रतिशत की कमी आयी है.
इसी तरह से कुपोषण के खिलाफ भी प्रदेश सरकार के प्रयासों से सकारात्मक नतीजे सामने आये हैं. ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैय्या कराने के लिए सरकार विशेषज्ञ चिकित्सकों की सीधे भर्ती कर रही है. सुदूर बीजापुर में डी.एम.एफ. से 24 डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है, जगदलपुर में 21 डॉक्टर पदस्थ हैं. उन्होंने रणदीप सिंह सुरजेवाला के सुझावों पर सहमति जताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार के लिये सरकारी प्रयासों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों का भी सहयोग लिया जायेगा.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समिति को इस बात से भी अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार से करीब 26 हजार करोड़ रुपए लेना है, यह राशि अब तक रूकी हुई है इस वजह से राज्य सरकार को विभिन्न विकास और कल्याण कार्य आगे बढ़ाने में अड़चनें भी आ रही है लेकिन राज्य सरकार ने अपने संसाधनों के बेहतर उपयोग से विकास को बाधित नहीं होने दिया है, वहीं अनेक क्षेत्रों में नये कीर्तिमान भी बनाये है, जैसे मनरेगा, धान खरीदी, वनोपज संग्रहण और खरीदी, वन अधिकार पट्टा और इसके तहत जरूरी सुविधायें प्रदाय. उन्होंने समिति को स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के बारे में विस्तार से बताया.
छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज की सारी जानकारियों के बाद समिति के अध्यक्ष जयराम रमेश ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि पार्टी पूरी तरह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ है और छत्तीसगढ़ सरकार जिस तरह से काम कर रही है वह देश में एक मिसाल है. सुरजेवाला ने भी भूपेश बघेल सरकार के जनहितैषी कामों की अत्यंत प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के लिए एक मॉडल है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने जन घोषणा पत्र के छत्तीस वायदों में से 24 को पूरा कर मिसाल कायम की है और मुख्यमंत्री श्री बघेल देश के लिए रोड मॉडल बने हैं. उन्होंने कहा कि वे संगठन के जरिये भूपेश बघेल सरकार के कामों को जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं, ताकि छत्तीसगढ़ में फिर कांग्रेस की सरकार बने.