रायपुर। छत्तीसगढ़ बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय समेत जशपुर के कई लोग राजभवन पहुंचे हैं. जहां बीजेपी नेताओं ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बेटे के खिलाफ जमीन खरीदी मामले में राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. इसके अलावा बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने राज्यपाल से मंत्री अमरजीत भगत की शिकायत की है.

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विष्णुदेव साय ने कहा कि कोरवा जनजाति से जमीन खरीदी हुई थी. उनकी जांच रिपोर्ट में छलपूर्वक जमीन लेने का जिक्र है.
अनुदान दिलवाने के नाम पर अंगूठा लगवाने का भी उल्लेख किया गया है. बीजेपी जांच समिति के सदस्य सहित जशपुर के लोग भी राजभवन पहुंचे हैं.

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अमरजीत भगत से इस्तीफे की मांग

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से इस्तीफे की मांग की है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि मंत्री अमरजीत भगत के बेटे ने कोरवा जनजाति के लोगों से जमीन खरीदी की है. मंत्री के बेटे ने कोरवा जनजाति के लोगों से छल किया गया है.

सरकार से अनुदान के नाम पर दिया गया झांसा

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी कोरवा जनजाति की जमीन छत्तीसगढ़ सरकार के कैबिनेट मंत्री ने अपने पुत्र के नाम पर करा ली है. विष्णुदेव साय ने कहा कि सरकार से अनुदान मिलेगा कहकर लोगों को झांसा दिया गया. अनुदान के लोभ से वे चले भी गए. रजिस्ट्री ऑफिस ले जाकर उन्हें हस्ताक्षर करा लिए गए. बदले में उन्हें चेक दिए गए.

धोखे से रजिस्ट्री करा ली गई

विष्णुदेव साय ने कहा कि पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों को ही यह पता नहीं कि चेक होता क्या है. कागज का टुकड़ा समझ कर रख लिए. वे हमारे नेताओं के पास गए और कहा अनुदान कह कर हमें कागज का टुकड़ा पकड़ा दिया., नेताओं ने देखा कि ये तो चेक है, बाद में पता चला कि 25 एकड़ की पूरी जमीन इनके पास बची ही नहीं है. धोखे से रजिस्ट्री करा ली गई, जिसकी शिकायत इन्होने कलेक्टर और एसपी से की.

कीमती जमीन को धोखे से छीन ली गई

भारतीय जनता पार्टी ने भी रायगढ़ की पूर्व सांसद गोमती साय की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय जांच टीम गठित की थी. जांच में यह भी पता चला है कि पटवारी के द्वारा तथ्य छुपाए गए. रजिस्ट्री प्रतिवेदन में रोड से 4 किलोमीटर दूर तक जमीन की स्थिति बताई है. जबकि वह जमीन रोड से लगी हुई है. इतनी कीमती जमीन को धोखे से मंत्री के पुत्र ने पहाड़ी कोरवाओं से ले ली है.

मंत्री को मामले में त्यागपत्र दे देना चाहिए
विष्णुदेव साय ने कहा कि हमने इस मामले की जांच का प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपा है. कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की. राज्यपाल की तरफ से आश्वासन मिला है, उन्होंने मामले को जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मंत्री को इस मामले में त्यागपत्र दे देना चाहिए.

प्रदेश में सियासी पारा तेज

दरअसल, बीते फरवरी महीने में मनोरा तहसील के पांच पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों ने कलेक्टर और एसपी से शिकायत की थी. उनका कहना था कि प्रदेश के खाद्य और जिले के प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत के बेटे ने फर्जी तरीके से 24 एकड़ जमीन रजिस्ट्री करा लिया है. इसके बाद से प्रदेश में सियासी पारा तेज हो गया है.

मंत्री अमरजीत भगत ने आरोपों को बताया था निराधार

इस मामले में मंत्री अमरजीत भगत का कहना है कि ये सभी आरोप निराधार है. उन्होंने कहा कि इस मामले में पूर्व मंत्री गणेशराम भगत राजनीति कर रहे है. उन्होंने ये भी दावा किया कि कोरवा परिवार के लोगों ने अपनी जमीन बेचने के लिए संपर्क किया था और जमीन खरीदी की पूरी प्रक्रिया नियमों के मुताबिक ही हुई है. लगाए गए सारे आरोप निराधार है.