पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। क्या सरकारी दस्तावेजों के बैगर इंसान की कोई कीमत नहीं, क्या सरकारी दस्तावेजों के बैगर इंसान को बुनियादी सुविधाओं का भी अधिकार नहीं. ये सवाल इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि लाइलाज बीमारी से जूझ रही एक 8 साल की मासूम बच्ची जरूरी सरकारी दस्तावेज नहीं होने की वजह से उपचार से वंचित है, और बिस्तर पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है.

मामला मैनपुर ब्लॉक के भरुवामुड़ा गांव का है. गांव के चंद्रशेखर और चितेमनी की 8 वर्षीय बेटी बिंदिया अज्ञात बीमारी से जूझ रही है. बिंदिया न तो बिस्तर से उठ पाती है, और न ही बोल पाती है. वह बिस्तर पर ही लेटी रहती है. परिजनों के मुताबिक वह जन्म से ही ऐसी स्थिति में है. चंद्रशेखर बताते हैं कि वे मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. उसने अपनी हैसियत के मुताबिक आसपास के अस्पतालों में बेटी का इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

उसने बताया कि वह अब अपनी सारी जमापूंजी बेटी के इलाज में खर्च कर चुका है, लेकिन बेटी की सेहत में कोई सुधार नहीं आया. डॉक्टर उसे बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह देते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह ऐसा नहीं कर पा रहा है. उन्होंने बताया कि बेटी का आधारकार्ड नहीं होने के कारण सरकारी योजना से इलाज नहीं हो पा रहा है. राशनकार्ड से भी उसका नाम काट दिया गया है. दिव्यांग पेंशन भी नहीं मिल पा रही है. थक चुके बाप ने अब बेटी को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है. माँ चितेमनी उसकी देखभाल करती है.

अपने जन्म से आज तक बिस्तर पर पड़ी बिंदिया के मामले ने सरकारी सिस्टम को ही खाट पर ला दिया है. तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित होने के बाद भी बिंदिया को उसका लाभ नहीं मिल पाया. ताज्जुब की बात ये है कि अंतिम पंक्ति में बैठे अंतिम व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने का दावा करने वाली सरकार बिंदिया को लाभ पहुंचाने में कैसे चूक गई. योजनाओं में खोट है या फिर योजनाएं संचालित करने वाले अफसरशाही की नीयत में खोट है.

सीरिब्रल पॉल्सी की आशंका

सीएमएचओ डॉ एनआर नवरत्ने ने पालकों के बताए सिम्टम्स व तस्वीर देखकर बिंदिया को सीरिब्रल पॉल्सी नामक जन्मजात रोग होने की आशंका जताई है. उन्होंने बताया कि गर्भ में ही यह बीमारी हो जाती है. लाखों में एक-दो केस ही ऐसे होते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई किबिंदिया का नाम चिरायु दल के पास होगा. इसके साथय़ ही उन्होंने सोमवार को चिकित्सकों की टीम भेज कर सही जानकारी लेकर हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिलाया.

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