रायपुर– चिटफंड कंपनियों की संपत्ति न्यायालय के माध्यम से कुर्क कराए जाने आज सभी 27 जिलों के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों की बैठक रखी गई. इस बैठक में प्रत्येक प्रकरण की समीक्षा की गई. बता दें कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को इन प्रकरणों का नोडल अधिकारी बनाया गया है.

प्रदेश में चिटफंड कंपनी को लेकर हंगाम मचने के बाद राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम बनाया. पुलिस ने बताया कि जुलाई 2015 से अब तक इस अधिनियम के लागू होने के बाद कुल 163 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किये गए हैं. अधिनियम में विशेष न्यायालय के माध्यम से संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान है.

प्रावधान के तहत अब तक 65 प्रकरणों में संबंधित कंपनियों की संपत्ति को चिन्हित की गई है. इन संपत्तियों का कुर्की आदेश जिला कलेक्टर के माध्यम से कराया जाएगा. फिलहाल अंतिम आदेश के लिए न्यायालय के समक्ष प्रकरण पेश करने की प्रक्रिया की जा रही है.

सभी प्रकरणों की प्रगति की प्रकरणवार समीक्षा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के द्वारा की गई. जिलों से आये सभी नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी प्रकरणों में प्रति दिन नियमित रूप से कार्यवाही कर शीघ्रातिशीघ्र संपत्ति कुर्की कर धन वापसी की कार्यवाही सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर की जाए. साथ ही ऐसी कंपनियां जिनकी चल-अचल संपत्ति ज्ञात नहीं हुई इस संबंध में टीम गठित कर उनकी संपत्तियों की जानकारी प्राप्त की जाए तथा उनकी संपत्ति की कुर्की की कार्यवाही की जाए.