सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम जारी किया जा चुका है। इस बार के जारी परिणाम ने युवाओं का मनोबल बढ़ाया ही नहीं है बल्कि एक भरोसा अभ्यर्थियों में हुआ है कि अब मेहनत का परिणाम इस बार की परीक्षा परिणाम में देखने को मिला है।

लल्लूराम डॉट कॉम ने उन अभ्यर्थियों से बातचीत की जो कांग्रेस सरकार में हुए CGPSC घोटाले को उजागर किया था। मामले को उठाने और न्याय के लिए लड़ने की सजा उन्हें यह मिली थी कि CGPSC से बैन कर दिया गया था। उन्हीं सात लोगों में से तीन लोगों का इस बार चयन हुआ है। इन युवाओं ने निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया के लिए सीएम विष्णुदेव साय का आभार जताया है।

CGPSC के परीक्षा परिणाम में निष्पक्षता और पारदर्शिता के कारण

गौरव शर्मा ने कहा, “मुख्य परीक्षा के उत्तर पुस्तिका की जांच के लिए प्रत्येक जांचकर्ता को सीमित प्रश्नों (अधिकतम 4) का कार्य दिया गया, जिससे जांचकर्ता पर किसी भी प्रकार से दबाव की स्थिति का निर्माण नहीं हुआ और जांच में समरूपता दिखाई दी।”

अविनाश श्रीवास ने बताया, “इस बार साक्षात्कार के बोर्ड का चयन अभ्यर्थी द्वारा चिट माध्यम से किया गया, जिससे बोर्ड के चयन और उनके द्वारा दिए गए नंबर पर किसी भी संशय की स्थिति निर्मित नहीं हुई।”

जय कुमार साहू ने कहा, “इस बार की चयन सूची में किसी भी प्रकार से किसी परिवार के 2 बच्चों का चयन एक साथ हुआ हो, ऐसा कोई उदाहरण अभी तक नहीं देखा गया।” गिरधर ओरगे ने कहा, “चयनित अभ्यर्थियों के योग्यता के ट्रैक रिकॉर्ड सभी अभ्यर्थियों को प्राप्त है।” वेद राजपूत ने कहा, “चयनित अभ्यर्थी किसी अभ्यर्थियों के बीच में रहकर ही पढ़े, इसलिए चयनित अभ्यर्थियों के संदर्भ में किसी भी प्रकार का कोई संशय निर्मित होना संभव ही नहीं है।”

विरोध प्रदर्शन करते हुए अभ्यर्थी

निष्पक्ष और पारदर्शिता से क्या तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स का मनोबल बढ़ा है?

गौरव शर्मा, प्रिया तिवारी ने कहा, “इस बार के परिणाम से अभ्यर्थियों के मनोबल में वृद्धि हुई है क्योंकि अधिकांश चयनित अभ्यर्थी बहुत सामान्य परिवार से आते हैं और उनके संघर्ष को अभ्यर्थियों ने देखा है।”

लोगों के बीच यह चर्चा का विषय था कि कितनों पढ़ाई कर लो, सेटिंग से चयन होता है। क्या यह कहना अब गलत है?

रविकांत साहू, गौरव शर्मा ने कहा, “बिल्कुल, विगत कुछ CGPSC के परिणाम को लेकर अभ्यर्थियों के अंदर बहुत निराशा का भाव था क्योंकि जो चयनित हुए थे, उनके संबंध में बहुत अधिक प्रश्न चिन्ह की स्थिति निर्मित हो गई थी और जिस हिसाब से अब CBI जांच में तथ्य देखने को मिल रहे हैं, उससे अभ्यर्थियों के संशय सच साबित हो गए हैं। लेकिन इस बार की परीक्षा परिणाम को लेकर एक भी सवाल नहीं उठाया गया है, मेहनत करने वालों को ही फल मिला है। तो सोच तो बदलेगा ही।”

जो लोग सेटिंग के विचार से पढ़ाई छोड़ चुके थे, क्या हुआ अब फिर से पढ़ाई करेंगे और परीक्षा देंगे?

हेमराज साहू, रविकांत साहू ने कहा, “सेटिंग जैसे विचारों से लोकसेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे पढ़ाई छोड़ने वाले बहुत कम होते हैं, लेकिन जो लोग पढ़ाई छोड़ चुके हैं या फिर पढ़ाई नहीं कर रहे थे इस डर से कि कुछ नहीं होना है, वे लोग फिर से ज़रूर इस परिणाम के बाद परीक्षा देने की तैयारी में जुट जाएंगे या जुट गए होंगे। स्वाभाविक है। परंतु अब जो परिणाम निर्विवादित साबित हुए हैं, उससे अभ्यर्थियों की पढ़ाई अब दुगने रफ्तार से चालू हो जाएगी।”

विश्वविजय सिंह तोमर ने कहा, “इस बार परीक्षा की पूरी प्रक्रिया अविवादित और निष्पक्ष रही है, जिससे युवाओं, विशेषकर सिविल सेवा, व्यापम और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं में उत्साह बढ़ा है। साथ ही उनके परिजन भी खुश हैं कि राज्य में सुशासन की सरकार लौटने से उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।”

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