सक्ती। सरकार बदलते ही प्रदेश भर में भाजपाइयों ने कांग्रेस मुक्त नगरीय निकाय बनाने का मानो संकल्प ले लिया है. इसलिए लगातार नगरीय निकायों में जहां-जहां कांग्रेस के अध्यक्ष है, वहां अविश्वास प्रस्ताव लगाकर नगर सरकार बदलने की कोशिश की जा रही है. कई जगहों पर भाजपाई कामयाब भी हो चुके हैं. मगर कई जगहों पर कोशिश फेल हो गई है. सक्ती नगर पालिका में भी नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी पर संकट के बादल छाए हुए हैं. आज नगर अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर भाजपा पार्षदों के लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की कार्रवाई होनी है. सक्ती एसडीएम इस कार्यवाही को पूरी करेंगे.

नाराज कांग्रेसी पार्षदों के सहयोग से गिर सकती है कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी

आपको बता दें कि सक्ती नगर पालिका में कुल 18 पार्षद है. जिसमें से 12 कांग्रेस और 6 बीजेपी के हैं. बावजूद इसके बीजेपी पार्षदों द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी खाली कराने जो दाव खेला है वो समझ से परे है. क्योंकि कांग्रेसी अध्यक्ष को अपनी कुर्सी बचाने के लिए मात्र 6 पार्षद के सपोर्ट की जरूरत और बीजेपी को 12 पार्षदों का सहयोग चाहिए. वहीं भाजपा पार्षदों का दावा है की उनके पास 12 से अधिक पार्षदों का सहयोग है.

चरण दास महंत के चहेते अध्यक्ष पति पर आखिर क्यों छाया संकट

नगर अध्यक्ष सुषमा जैसवाल के पति त्रिलोक चंद जैसवाल नेता प्रतिपक्ष और सक्ती विधायक डॉ. चरण दास महंत के चहेते नेता माने जाते है. इसलिए इन्हें जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी मिली हुई है. मगर नगर पालिका में पुराने जनप्रतिनिधियों से आपसी ताल मेल में खटास और मनमानी के चलते इनकी कुर्सी खतरे में दिख रही है. सक्ती में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि है जो लंबे समय से पार्टी के प्रति समर्पित है. उनकी कुछ सालों से जो उपेक्षा किया जा रहा है आज इस संकट का कारण माना जा सकता है.