रायपुर। छत्तीसगढ़ चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जीएसटी आयुक्त संगीता पी. से मुलाकात कर उन्हें जीएसटी के नियमों में बदलाव के लिए केंद्रीय वित्तमंत्री को संबोधित ज्ञापन देकर चर्चा की.
आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि चैंबर की मांगों को राज्य शासन द्वारा जीएसटी काऊंसिल की 6 अक्टूबर की बैठक में रखा जाएगा, सकारात्मक पहल की जाएगी. चर्चा के समय अपर आयुक्त एसएल अग्रवाल भी उपस्थित थे.
चैंबर ने कहा कि जीएसटी से छत्तीसगढ़ को वैट कर मॉडल का स्वरुप दिलवाए. पूर्व में छत्तीसगढ़ में लागू वैट मॉडल देश में सफलतम माना जाता था. इस मॉडल को अपनाने से ज्यादातर समस्याएं समाप्त हो जाएगी.
चैंबर ने कहा कि जीएसटी के प्रति माह तीन रिटर्न की जगह प्रति तीन माह में एक रिटर्न की मांग की . रिटर्न का स्वरुप भी सरल करने की ज़रूरत बताई गई. रिटर्न में मौजूदा पेनॉल्टी की व्यवस्था समाप्त करने रिटर्न बी2 बी में एनवॉयस के अनुसार जानकारी के स्थान पर ग्राहक के अनुसार जानकारी आसान रहेगी. जैसा कि छत्तीसगढ़ में होता है, रिटर्न इनवॉयस का भी प्रावधान होना चाहिए.
चैंबर ने आयुक्त से ई वे बिल से होने वाली व्यापार क्षेत्र की गंभीर समस्याओं से अवगत कराया और इसकी समाप्ति एवं कंपोज़िशन की सीमा 2 करोड़ की मांग की.
चैंबर ने कहा कि जीएसटी में रिवर्स चार्जेस मैकनिज़्म व्यावसाय जगत की कार्यप्रणाली के विपरीत है. इससे कार्य अधिक बढ़ जाता है इससे हटाने की ज़रूरत है.
चैंबर ने कुछ एचएसएन कोड को देसी व्यावसाय से अलग रखने, करों के केवल दो स्लैब रखने, अनाज एवं ज़मीनी फसल को पूूूर्णत: मुक्त रखने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने पोर्टल की खामियाों की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया.