रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाते जा रहा है. सुकमा एसपी के पत्र का हवाला देते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है. प्रदेश में तेजी से हो रहे धर्मांतरण पर कड़ी कारवाई करने को कहा है. इससे पहले नेताम ने गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा था.
आदिवासी बहुल क्षेत्रों में तेजी से हो रहा धर्मांतरण
राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने सीएम भूपेश को लिखे पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में तेजी से हो रहा धर्मांतरण काफी चिंता का विषय है. एक तरफ सरगुजा संभाग में रोहिंग्याओं के घुसपैठ की खबर और दूसरी तरफ सरगुजा, बस्तर समेत तमाम संभागों में साम्प्रदायिक पेशेवरों द्वारा आदिवासी समाज की संकृति के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्हें धर्मांतरण करने की साजिश से रोकना प्रदेश की शांति और कानून-व्यवस्था के हित में बेहद जरूरी है.
धर्मांतरण को शह दे रही सरकार
उन्होंने सुकमा पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा की तरफ से सभी थाना प्रभारियों को लिखे पत्र का जिक्र किया है. राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कहा कि इससे यह साबित हुआ है कि एक बड़े षड़यंत्र के तहत भोले-भाले आदिवासियों के खिलाफ धर्मांतरण कराया जा रहा है. बीजेपी के सवाल उठाने पर कांग्रेस सरकार के प्रवक्ता और कांग्रेस नेता बयान देकर बचाव में लगे है. इससे भाजपा की यह आशंका सही साबित हो रही है कि शायद किसी बड़े राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय दबाव के कारण कांग्रेस इस मामले को न केवल रोक रही है, बल्कि इसे शह भी दे रही है. इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता.
मुख्यमंत्री को किया आगाह
रामविचार नेताम ने अपने पत्र के जरिए सीएम भूपेश को आगाह किया है कि भारत में धर्मांतरण का सीधा अर्थ राष्ट्रांतरण होता है. अतीत में भी जान-बूझ कर महज राजनीतिक लाभ के लिए दिए जाते ऐसे शह का परिणाम हम अखंड भारत के विभाजन के रूप में भी भुगत चुके हैं. इसके अलावा स्वतंत्र भारत में पूर्वोत्तर के सभी राज्यों की जिस तरह पूरी डेमोग्राफी पूर्व के कांग्रेस शासन में शासकीय संरक्षण में बदल दी गई. जिस तरह पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायिक घुसपैठियों के कारण आज वहां के निवासियों के खिलाफ नृशंस वारदातें हो रही हैं, जैसे वहां लोगों का जान-माल-सम्मान पूरी तरह असुरक्षित कर मतांतरितों द्वारा वहां आतंक का राज स्थापित कर दिया गया है. ऐसा कुछ छत्तीसगढ़ में किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा.
आदिवासियों की अस्मिता को नष्ट करने की साजिश
अपनी संस्कृति और परम्परा से खिलवाड़ प्रदेश का आदिवासी समाज किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा. सकमा जिले में आदिवासियों के धर्मान्तरण होने पर पुलिस अधीक्षक की स्वीकारोक्ति पर सरकार के जिम्मेदार मंत्रियों के बयान अत्यंत गंभीर और चिन्ताजनक हैं. मंत्रियों द्वारा धर्मान्तरण के पक्ष में बयान आदिवासियों की मूल संस्कृति, अस्तित्व और अस्मिता को नष्ट करने के कुत्सित प्रयत्न जैसे प्रतीत हो रहे हैं. एक तरफ आदिवासी समाज कम्युनिस्ट आतंक से बुरी तरह पीड़ित है. अब उन आतंकियों के प्रत्यक्ष/परोक्ष समर्थन से चल रहे धर्मांतरण का यह कत्य और कांग्रेस द्वारा इस के बचाव की कोशिशों पर जितना शीघ्र विराम लगे. वही समाज और प्रदेश के हित में होगा.
षड्यंत्र पर रोक लगाने और कार्रवाई करने की मांग
राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने सीएम भूपेश बघेल से अनुरोध किया है कि राजनीतिक लाभ-हानि की चिंता किए बगैर प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े इस बड़े षड्यंत्र पर बिना देर किए रोक लगाने की कारवाई करें. ऐसा नहीं करने पर प्रदेश का आदिवासी समाज अपनी रक्षा के लिए एकजुट होकर करारा जवाब देने से बाज नहीं आएगा. इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कारवाई करें.
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