रायपुर. नवा रायपुर अटल नगर के अंतर्गत ग्राम चेरिया व पौंता की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि का भू-उपयोग बदलकर सार्वजनिक-अर्द्ध सार्वजनिक कर दिया गया है. नवा रायपुर अटल नगर में शिक्षा संबंधी प्रयोजनों, रोजगार, बसाहट व निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए यह भू-उपयोग बदला गया है. आवास व पर्यावरण विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.

शिक्षा संबंधी प्रयोजनों, रोजगार, निवेश व बसावट को बढ़ावा
नवा रायपुर अटल नगर विकास योजना 2031 के अंतर्गत ग्राम चेरिया व पौंता की यह जमीन पहले कृषि थी, जिसे अब बदलकर अब सार्वजनिक-अर्द्धसार्वजनिक किया गया है. बताया गया है कि भू- उपयोग परिवर्तन के लिए समाचार पत्रों पर सूचना प्रकाशित कर आपत्ति व सुझाव या सुझाव प्राप्त नहीं हुआ है. ग्राम चेरिया-पौंता के आसपास बसाहट के साथ ही शहरीकरण व अन्य व्यावसायिक गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं. राज्य सरकार इस क्षेत्र में शिक्षा संबंधी प्रयोजन, बसाहट, रोजगार व निवेश बढ़ाना चाह रही है. इसके लिए कृषि भूमि को सार्वजनिक-अर्द्धसार्वजनिक उपयोग में परिवर्तित किया जा रहा है. बदलती अर्थव्यवस्था, शैक्षिक व व्यवसायिक गतिविधियों के बढ़ने के कारण गैर-कृषि उपयोगों के लिए भूमि की मांग भी बढ़ रही है.
चेरिया-पौंता में हुआ था नई राजधानी का शिलान्यास
गौरतलब है कि ग्राम चेरिया-पौंता का क्षेत्र ऐतिहासिक भी है. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इसी जगह पर नई राजधानी का शिलान्यास कराया था. बाद में, इस क्षेत्र की लगभग दो सौ एकड़ जमीन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रायपुर को आवंटित कर दी गई. यह जमीन मूल रूप से सरकारी थी, जिसे बाद में कुछ संस्थानों को लीज पर दिया गया. इस जमीन का उपयोग अब मुख्य रूप से शैक्षिक और नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र के विकास के लिए किया जा रहा है.
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