नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के कई नियमों में आज से बदलाव लागू हो गया है. ऐसे ही कुछ नियमों के बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं.
बचत खाते में मिनिमम बैलेंस
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अगर आपका बचत खाता है, तो आज से न्यूनतम बैलेंस 5 हजार से घटकर 3 हजार रुपए हो गया है. एसबीआई ने पेंशनधारकों, नाबालिगों और सामाजिक योजनाओं के लाभार्थियों को मिनिमम बैलेंस की सीमा से छूट दी है. वहीं अगर मिनिमम बैलेंस खाते में नहीं है, तो इस पर जुर्माना भी लगता है. लेकिन आज से जुर्माने की राशि भी घटा दी गई है. इसमें 20 से 50 फीसदी तक की छूट दी गई है.
शहरी और ग्रामीण इलाकों में जुर्माने की राशि 20 से 40 रुपए तक होगी. वहीं बड़े शहरों और महानगरों में ये राशि 30 से 50 रुपए तक होगी. आज के पहले तक मेट्रो शहरों में बैंक के बचत खाते में मिनिमम राशि 75 फीसदी से नीचे होने पर 100 रुपए प्लस जीएसटी वसूला जा रहा था. वहीं मिनिमम बैलेंस 50 पर्सेंट से कम आने पर 50 रुपए प्लस जीएसटी लग रहा था. ग्रामीण इलाकों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर 20 से 50 रुपए के साथ जीएसटी वसूला जा रहा था.
पुरानी चेकबुक अमान्य
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सब्सिडियरी बैंकों के ग्राहकों की पुरानी चेकबुक आज से काम नहीं करेगी. इन चेकबुकों पर लिखे हुए पुराने IFS कोड भी अवैध हो जाएंगे. यदि आपका खाता स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ रायपुर, भारतीय महिला बैंक में है, तो नई चेकबुक के लिए अभी ही अप्लाई कर दें.
अकाउंट बंद करने पर पहले एसबीआई चार्ज लेती थी, लेकिन आज से कोई चार्ज नहीं लगेगा. हालांकि अकाउंट खोलने के 14 दिन के बाद और 1 साल से पहले बंद करने पर 500 रुपए और जीएसटी लगेगा.
आज से कॉल रेट हुईं सस्ती
ट्राई ने आज से कॉल इंटरकनेक्शन चार्ज भी 14 पैसे से घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया है. इसके कारण अब टेलीकॉम कंपनियां कॉल रेट सस्ती कर सकती हैं. बता दें कि कॉल कनेक्ट करने के लिए एक टेलीकॉम ऑपरेटर दूसरे ऑपरेटर को इंटरकनेक्शन चार्ज देती है.
आज से इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लागू
आज से नेशनल हाइवे पर इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लागू हो गया है. इसके लिए जरूरी फास्टैग अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे. NHAI ने इसके लिए माई फास्टैग और फास्टैग पार्टनर नाम से दो मोबाइल ऐप भी लॉन्च किए हैं. इसलिए टोल देने के लिए अब लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा.
आज से नहीं चलेगी पुरानी एमआरपी
आज से पुराने सामान बेकार हो जाएंगे. दरअसल एक जुलाई से जीएसटी लागू हुआ था और पुराने सामान को बेचने की समय सीमा 30 सितंबर तय की गई थी. ये मियाद अब खत्म हो चुकी है. अब आज यानि 1 अक्टूबर से दुकानों में नए एमआरपी के साथ ही सामान मिलेंगे. ऐसा नहीं करने पर दुकानदार की सामग्री जब्त कर दी जाएगी.