विक्रम मिश्र, लखनऊ. बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण करवाने के आरोप में छांगुर बाबा हिरासत में है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उसके गांव के लोग छांगुर बाबा को अच्छा व्यक्ति बता रहे हैं. जबकि एसटीएफ की जांच में छांगुर बाबा और उसके गैंग के पास से कुल 300 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है. जिसमें 106 करोड़ रुपयों का ट्रांजिक्शन भी किया गया है. जांच में ये भी मिला है कि छांगुर बाबा और नवीन के साथ नसरीन का एक खाता स्विस बैंक में भी है. इसी खाते से 106 करोड़ रुपयों को इधर उधर भेजा गया है.

जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर बाबा पूरे प्रदेशभर के प्रशासन को अपनी जेब मे लेकर घूमता था. शुरुआती दौर में छांगुर नग और कीमती पत्थर बेचा करता था. जिससे उसकी जीविका चला करती थी. समय-समय पर जलालुद्दीन शाह हाजी अली की दरगाह पर भी अंगूठी और नग बेचने जाया करता था. उससे जुटाए पैसो से जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर ने अपनी बेगम को 2011 में प्रधानी का चुनाव लड़वाया और उसके जीतते ही छांगुर की किस्मत पलट गई. बावजूद इसके प्रधान पति होने के साथ वो नग और अंगूठी का धंधा बंद नहीं किया था. किसी से भी मिलने जाता तो उसको उपहार में अंगूठी और नग देता. जिससे सामने वाले कि जिंदगी में कुछ भी अच्छा होता तो उसको लगता कि इसी खास नग की वजह से हुआ है. ऐसे ही उसकी मुलाकात नवीन और उसकी पत्नी नीतू उर्फ नसरीन से हुई. जिन्होंने छांगुर पर एक बड़ा दांव खेला. बलरामपुर जिले में स्थित छांगुर के गांव रेहरामफी में 3 बीघे का एक प्लाट खरीदकर जलालुद्दीन शाह के नाम कर दिया. जहां पर वह कोठी और कॉलेज का निर्माण करवाना था.

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ज्यादा की चाह में धराशाई हुआ किला

कोठी कॉलेज के निर्माण के लिए जलालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर की मुलाकात एक ठेकेदार वासिउद्दीन उर्फ बब्बू से हुई. जिसमें कोठी, कॉलेज बनवाने के लिए सौदा 12 करोड़ में तय हुआ. जमीन पर काम शुरू हुआ और आधा काम होने के बाद वासिउद्दीन ने पैसो का हिसाब करना शुरू किया. नवीन की पत्नी नसरीन उर्फ नीतू को ये लग रहा था कि वासिउद्दीन काम के एवज में ज्यादा दाम मांग रहा है. लेनदेन में ढाई करोड़ रुपयों की वजह से जमालुद्दीन और वासिउद्दीन क बीच दोस्ती का रिश्ता दुश्मनी में तब्दील होने लगा.

छांगुर ने ठेकेदार वासिउद्दीन पर जिले में तकरीबन आधा दर्जन से ज्यादा केस करवाए. जिसके बाद वासिउद्दीन ने भी छांगुर बाबा की काली कुंडली की गांठे परखनी शुरू किया. वासिउद्दीन जिले में छांगुर के खिलाफ अवैध धर्मांतरण और पैसो का अवैध ट्रांजिक्शन की शिकायत रेहरामफी गांव के थाने से लगाये जिले में तैनात अधिकारियों से किया लेकिन जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की सेटिंग इतनी तगड़ी थी कि वासिउद्दीन के शिकायत पर कोई कार्रवाई नही हो रही थी.

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बस एक दिन इन सबसे तंग आकर जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के दोस्त रहे ठेकेदार वासिउद्दीन उर्फ बब्बू ने प्रधानमंत्री कार्यालय में सभी दस्तावेजों के साथ शिकायत कर दिया. पीएमओ से एटीएस और एसटीएफ कार्यालय पर फोन आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और फिर क्या था. जमालुद्दीन और उसकी बेगम की गिरफ्तारी हुई. 300 करोड़ की संपत्ति का पता लगा. जबकि स्विस बैंक की शारजाह शाखा में खाते की बात भी सामने आई, और उससे हुए 106 करोड़ की लेनदेन की बात भी उजागर हुई. इस पूरे मामले की जांच एटीएस कर रही है जबकि वो इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को भेजेगी. जिसके बाद कार्रवाई का मैप तैयार किया जाएगा.