अमृतसर। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का काफिला आज ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए कॉरिडोर से होकर पाकिस्तान पहुंच गया. उनके साथ गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में दर्शन करने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल, मंत्री राणा गुरजीत सिंह सोढ़ी, विजयेंद्र सिंगला, कैबिनेट रैंक प्राप्त महेंद्र सिंह केपी, विधायक बरिंदर मीत सिंह पड्‌डा और अमृतसर के मेयर कर्मजीत सिंह रिंटू हैं. कॉरिडोर में इमिग्रेशन संबंधी वेरिफिकेशन के बाद सभी पाकिस्तान रवाना हुए.

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इस दौरान सीएम चरणजीत सिंह चन्नी अपने परिवार के साथ करतारपुर कॉरिडोर पहुंचे. उन्होंने इस मौके पर सभी को गुरू पर्व की शुभकामनाएं दीं. चन्नी ने इस अवसर पर कॉरिडोर खोलने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया. उन्होंने कहा कि वह पंजाब सरकार की ओर से गुरुघर में हाजिरी लगवाने जा रहे हैं.

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वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और मेयर करमजीत सिंह रिंटू भी करतारपुर कॉरिडोर पहुंचे. मनप्रीत बादल ने हाथ जोड़कर गुरुनानक देव का धन्यवाद किया. वहीं फिलहाल वही श्रद्धालु करतारपुर साहिब दर्शनों के लिए जा रहे हैं, जिन्होंने डीसी कार्यालय से स्पेशल परमिशन ली है. बुधवार को करीब 25 श्रद्धालुओं ने करतारपुर साहिब में स्पेशल परमिशन के बाद मत्था टेका था. सुबह 9 बजे के बाद श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर से गुरुद्वारा साहिब के लिए गए, लेकिन शाम 5 बजे से पहले उनका भारतीय सीमा में दाखिल होना जरूरी होता है. बता दें कि https://prakashpurb550.mha.gov.in/kpr/ पर गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व 19 नवंबर के लिए चल रहे रजिस्ट्रेशन फुल हो गए हैं. अब 20 नवंबर और इससे आगे की तारीखों के लिए रजिस्ट्रेशन जारी हैं.

 

पाकिस्तान बॉर्डर पर भी बस करती है श्रद्धालुओं का इंतजार

करतारपुर कॉरिडोर में दाखिल होने के बाद भारतीय इमिग्रेशन विभाग जांच करता है. यहां भी RT-PCR टेस्ट की रिपोर्ट के अलावा पासपोर्ट, आधार कार्ड और शख्स की जांच होती है. इसके बाद सभी श्रद्धालुओं को ई-कार्ट पर बिठाकर पाकिस्तान बॉर्डर तक ले जाया जाता है. वहां पाकिस्तान की बस श्रद्धालुओं को इमिग्रेशन काउंटर तक लेकर जाती है. यहां डॉक्यूमेंट दोबारा चेक होते हैं, जिसके बाद ई-कार्ट सीधा ही करतारपुर साहिब ले जाती है.

 

फूलों से श्रद्धालुओं का स्वागत

भारतीय श्रद्धालुओं का पाकिस्तान में काफी गर्मजोशी से स्वागत हो रहा है. भारत से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की गिनती काफी कम है, लेकिन गुरु पर्व होने के कारण पाकिस्तान में बसे सिख श्रद्धालुओं की गिनती अधिक है. सिंध से काफी सिख श्रद्धालु करतारपुर साहिब दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं.

 

सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है करतारपुर साहिब

करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. यह सिखों के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी का निवास स्थान था और यहीं पर उनका निधन भी हुआ था. 1522 में सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक करतारपुर आए थे. उन्होंने अपनी ज़िंदगी के आखिरी 17-18 साल यही गुजारे थे. 22 सितंबर 1539 को इसी गुरुद्वारे में गुरुनानक जी ने आखिरी सांसें ली थीं, इसलिए इस गुरुद्वारे की काफी मान्यता है.

 

पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है करतारपुर साहिब

करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है. यह भारत के पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से 3 से 4 किलोमीटर दूर है और करीब लाहौर से 120 किमी दूर है.

 

करतारपुर साहिब कॉरिडोर क्या है ?

भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है और वहीं पाकिस्तान भी सीमा से नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है. इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है.