लाल किले के पास आत्मघाती आतंकी हमले के बाद से आतंक की नर्सरी साबित हुई अल फलाह यूनिवर्सिटी में इस वक्त अफरा-तफरी मची हुई है। एशोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (AIU) ने हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सदस्यता रद्द कर दी है।इनमें डॉ. उमर उन नबी, डॉ। शाहिद, डॉ. निसार-उल-हसन और डॉ। मुजम्मिल शामिल हैं। यूनिवर्सिटी की सदस्यता रद्द होने के बाद अब यह AIU के मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची से बाहर हो गई है। बड़ी संख्या में जांच एजेंसियों के अधिकारियों का आना जाना लगा है। इसी के साथ खबर है कि, सैंकड़ों की संख्या में छात्र यूनिवर्सिटी कैंपस छोड़ कर जा चुके हैं।

15+ डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मिसिंग

वहीँ इस मामले की जांच के तार अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ते ही 15+ डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मिसिंग मिले हैं। दो दिन से जगह-जगह जांच एजेंसियों की छापेमारी के दौरान यह जानकारी सामने आई है। शुरुआती तौर पर सुरक्षा एजेंसियों को अंदेशा है कि इनमें कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से डॉक्टर टेरर मॉड्यूल से जुड़ा हो या ब्लास्ट के बाद पैदा हुए माहौल की वजह से यूनिवर्सिटी से चला गया हो। एजेंसियां उन डॉक्टरों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

64 सीसीटीवी फुटेज से अंतिम घंटों का ब्यौरा तैयारः वहीं, दूसरी तरफ लाल किला के बाहर शुक्रवार को भी पुलिस अफसरों और बाकी सिक्योरिटी एजेंसियों का आना-जाना लगा रहा। सूत्रों से पता चला कि पुलिस ने ब्लास्ट वाली जगह के आसपास आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर के अंतिम घंटों का ब्यौरा तैयार किया है।

पुलिस ने 64 CCTV को किया ट्रैक

पुलिस ने 64 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का विश्लेषण कर डॉ. उमर की गतिविधियों को ट्रैक किया। जिसमें वह फरीदाबाद से रात को निकलने से लेकर ब्लास्ट के समय तक की हर गतिविधि शामिल है। जांच में सामने आया कि डॉ. उमर, डॉ. मुजम्मिल और डॉ. शाहीन जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉक्टर है। इन्होंने एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप का यूज साजिश के लिए किया था।

डॉ. मुजम्मिल की कॉन्टैक्ट लिस्ट से संदिग्धों का सुराग

जांच एजेंसियों को अंदेशा है कि ये वही मेंबर हो सकते हैं जो यूनिवर्सिटी से मिसिंग है। सूत्रों से यह जानकारी भी निकलकर आई कि डॉ. उमर कुछ समय से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया था। उमर को फंडिंग मिल रही थी। ब्लास्ट के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी में 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों ने सर्च ऑपरेशन चलाया था। क्योकि मॉड्यूल के दूसरे मेंबर्स भी यहीं पढ़ाते थे। जांच एजेंसी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि केस में 20 से अधिक लोगों की पहचान की गई है।

चीन से MBBS पढ़ा युवक रेडार पर

इसी कड़ी में नूह जिले के गांव सुनहेड़ा के रहने वाले मुस्तकीम जांच के दायरे में आ गया है। उसने चीन से एमबीबीएस का कोर्स किया था। इसके बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी से वह 1 साल की इंटर्नशिप कर रहा था। मुस्तकीम के परिजनों की तरफ से दावा किया गया कि 2 नवंबर को उसकी इंटर्नशिप पूरी हो गई थी और वह वहा से घर आ गया था।

9 नवंबर को वह दिल्ली के एम्स में नौकरी के लिए टेस्ट देकर आया था। इसके दूसरे दिन दिल्ली में ब्लास्ट हो गया। गुरुवार रात करीब 8 बजे जांच ऐजेंसी और अन्य यूनिट्स की करीब 7 गाड़ियां मुस्तकीम के घर पहुंचीं। सूत्रों ने बताया कि एजेंसियां मुस्तकीम को अपने साथ ले गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, जांच में आतंकियों के फोन नंबर और बातचीत की जानकारी मिली है।

कई जगहों पर बम विस्फोट करने की थी साजिश

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग नंबर 17 आतंकियों की बैठकों का प्रमुख ठिकाना बन गई थी। बताया जा रहा है कि ये बैठकें उसी बिल्डिंग के रूम नंबर 13 में होती थीं। जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर बम विस्फोट करने की साजिश रची जा रही थी। बताया यह भी गया कि कमरा नंबर-13 पुलवामा के डॉक्टर मुजम्मिल का था। एजेंसियों ने यह भी संकेत दिया है कि IED की क्षमता बढ़ाने के लिए यूनिवर्सिटी की लैब से कुछ केमिकल लिए गए थे।

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