रवि साहू, नारायणपुर. एक ओर जोर शोर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर अपने माता-पिता से दूर शाशकीय जी.एन.एम (GNM) प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षण ले हॉस्टल में रह रहीं बेटियां एक साल से तमाम समस्याओं से जूझ रही हैं. लेकिन जिम्मेदार इन बेटियों की समस्याओं से जैसे मुंह मोड़े बैठें हैं.

दरअसल, पूरा मामला शाशकीय जी.एन.एम (GNM) प्रशिक्षण केन्द्र नारायणपुर का है. जहां छात्राओं ने बताया शासकीय हॉस्टल में 80 छात्राएं रहती हैं. 40 छात्राएं और आने वाली हैं. हॉस्टल में केवल दो शौचालय हैं. उसमें भी एक खराब है. नल, लाइट, पंखा, कूलर खराब होने या टूट-फूट होने पर उच्च अधिकारी द्वारा बजट नहीं दिया जाता. उल्टा आपस में पैसा इकट्ठा कर बनवाने को कहा जाता है.

फाइन के नाम पर हजारों की वसूली

इतना ही नहीं छात्राओं का आरोप है कि प्राचार्य के द्वारा उनसे मनमाना फाइन लिया जाता है. छात्राओं ने कहा कि उन्हें परीक्षा दिलाने जगदलपुर जाना होता है तो वहीं शिक्षिका के द्वारा बस के नाम पर 2000 रुपये मांगा जाता है. कार्य पर 1 मिनट भी देरी से पहुंचने और कोई भी छोटी सी गलती होने पर 100-200 रुपये फाइन लिया जाता है. जिसकी कोई पावती नहीं दी जाती. शासकीय छुट्टी के दिन भी दबाव पूर्ण ड्यूटी करवाई जाती है. उपरोक्त सभी समस्याओं को आलग-अलग छात्राओं ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया.

विरोध करने पर किया जाता है टारगेट

छात्राओं ने बताया कि उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मौखिक रूप से समस्याओं से अवगत कराया. लेकिन समस्या अब भी जस की तस है. साथ ही जो शिकायत या विरोध करता है उसे टारगेट किया जाता है. प्रैक्टिकल परीक्षा में कम अंक देने के साथ अन्य कई तरह से डराया और प्रताड़ित किया जाता है.

डरी सहमी सी हिम्मत जुटाकर अपनी समस्याओं को बताते हुए छात्राओं ने मीडिया के माध्यम से अपने उच्च अधिकारियों से जल्द ही समस्याओं का समाधान करने का निवेदन किया है. पूरे मामले को लेकर हमने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा करनी चाही, तो वे कार्यालय में नहीं मिले. फोन करने पर उनके द्वारा रिसीव नहीं किया गया. वहीं नारायणपुर कलेक्टर अजीत वसंत ने जांच कर कार्रवाही करने की बात कही है.