शिव भक्तों का इंतजार आखिर अब खत्म हो ही गया. शुक्रवार सुबह केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए है और आज से ही भक्त भोले बाबा के दर्शन कर सकते हैं. इसके साथ ही आज से गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी खुल रहे हैं. गंगोत्री के कपाट सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर खोले गए, जबकि यमुनोत्री से कपाट दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर भक्तों के दर्शन के लिए खुलेंगे. इसके अलावा बदरीनाथ के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे से खुलेंगे. लेकिन इस बीच मौसम विभाग की ओर से उत्तराखंड के कई इलाकों में येलो अलर्ट भी जारी किया गया है. जिसके मुताबिक उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा में मौसम विभाग ने हल्की और मध्यम स्तर की बारिश की संभावना जताई जा रही है.

सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे केदरानाथ धाम

जानकारी के अनुसार गुरुवार को ही भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली सुबह 8.30 बजे तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई थी. केदारनाथ मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से भव्य रूप में सजाया गया है. केदारनाथ धाम पहुंचे श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि कपाटोद्घाटन की पूर्व संध्या पर केदार मंदिर को फूलों से सजाया गया. Read More – Today’s Recipe : कच्चे आम की जैली लगती है बहुत स्वादिष्ट एयर रिफ्रेशिंग, इस रेसिपी से करें Try …

केदारनाथ भगवान के दर्शन के लिए देश- विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु डोली यात्रा के साथ केदारनाथ पहुंचे है. गुरुवार शाम तक करीब पांच हजार श्रद्धालु धाम पहुंच गए हैं. इस मौके पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे. देश-विदेश के सैकड़ों श्रद्धालु भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ पहुंचे हैं. अभी तक पांच हजार लगभग श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं. Read More – फिल्मों की असफलता को लेकर Kriti Sanon ने किया खुलासा, कहा – अब कोई फर्क नहीं पड़ता …

दर्शन मात्र से समस्त पापों का होता है नाश

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ धाम भगवान शिव का पवित्र स्थल है. केदारनाथ सहित नर-नारायण-मूर्ति के दर्शन का फल समस्त पापों के नाश पूर्वक जीवन मुक्ति की प्राप्ति बताया गया है. हर साल यहां लाखों की संख्या में भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं. मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयंभू है. यह वही स्थान है, जहां भगवान शिव का कूबड़ प्रकट हुआ था. केदारनाथ धाम की गणना भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग और पंच केदार में भी की जाती है. साथ ही यह छोटा चार धाम में से एक है.