Pahalgam Terror Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले की जांच में जांच एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच के दौरान दो स्थानीय लोगों परवेज अहमद जोथर और बशीर अहमद जोथर को गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर आरोप है कि ये आतंकियों को लोकल सपोर्ट मुहैया करवा रहे थे। इन्होंने ने ही हमले से पहले उन्हें रहने की जगह, खाना और राशन मुहैया कराया था। इनकी गिरफ्तारी के साथ ही इस हमले की साजिश का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भी सामने आ रहा है। पूछताछ में परवेज और बशीर ने बड़े खुलासे किए हैं।
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NIA सूत्रों के अनुसार, हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकी पाकिस्तान के नागरिक थे और प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े थे। इन आतंकियों में एक की पहचान हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान के रूप में हुई है, जो कभी पाकिस्तान की विशेष बल इकाई स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में पैरा कमांडो रह चुका है। हाशिम मूसा बीते कुछ महीनों से कश्मीर में सक्रिय था और अक्टूबर 2024 में गंगनगिर और बुटा पात्री में हुए दोहरे हमलों का हिस्सा भी रह चुका है, जिनमें कुल 10 निर्दोष लोग मारे गए थे। बताया जा रहा है कि मूसा को SSG से “लोन पर” लश्कर को दिया गया था, ताकि वह गैर-स्थानीय नागरिकों और सुरक्षाबलों पर खास तौर पर हमले कर सके।
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चीनी कम्युनिकेशन ऐप ‘Ultra’ के जरिए संपर्क में थे आतंकी
हमले में मूसा के साथ दो और आतंकी थे। जिनमें एक पाकिस्तानी नागरिक अली भाई और एक स्थानीय आतंकी आदिल हुसैन ठोकर था, जिसे पाकिस्तान में आतंकवादी ट्रेनिंग दी गई थी। इस पूरे नेटवर्क को लगभग 15 ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGWs) का सहयोग मिला, जो आतंकियों को विभिन्न रूपों में सहायता पहुंचा रहे थे। NIA ने परवेज और बशीर को गिरफ्तार करने से पहले लंबी तकनीकी निगरानी की और OGWs से मिले इनपुट का विश्लेषण किया। जांच में यह भी सामने आया कि आतंकी चीनी कम्युनिकेशन ऐप ‘Ultra’ के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर्स से लगातार संपर्क में थे।
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हमलावरों के भारत में ही छिपे होने की आशंका
NIA को आशंका है कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकी अब भी त्राल, कुलगाम और अनंतनाग के घने जंगलों में छिपे हुए हैं। उनके खिलाफ सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। गौरतलब है कि पहले खबर आई थी कि वह हमले के बाद पाकिस्तान भागने में कामयाब रहा। वहीं परवेज और बशीर की गिरफ्तारी ने जांच एजेंसियों को चौंका दिया, क्योंकि दोनों का अब तक कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। इन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। दोनों को अब जम्मू स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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गौरतलब है कि 22 अप्रैल के इस हमले में 26 हिंदू पर्यटकों की जान चली गई थी और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह हमला घाटी के इतिहास में सबसे भयावह आतंकी हमलों में गिना जा रहा है, जिसने देश को झकझोर कर रख दिया और भारत पाक में युद्ध जैसे हालात बन गए।
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