रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों को प्रवेश देने का मामला उठाया गया. बीजेपी विधायक देवजीभाई पटेल ने ये मामला सदन में उठाया. देवजी भाई पटेल ने कहा कि 2016-17 में 5,433 बच्चों को एडमिशन देना था, लेकिन 2900 बच्चों को ही प्रवेश दिलाया जा सका. उन्होंने कहा कि वहीं 2017-18 में 9,784 बच्चों को प्रवेश दिलाना था, लेकिन 4200 बच्चों को ही एडमिशन दिलाया जा सका. उन्होंने पूछा कि आखिर 50 फीसदी बच्चों को भी एडमिशन क्यों नहीं दिलाया जा सका.

देवजी भाई पटेल ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी स्कूलों में गरीब बच्चों के एडमिशन को लेकर उदासीनता का आरोप लगाया. इस पर मंत्री केदार कश्यप ने अपने जवाब में कहा कि आरटीई के तहत प्रदेशभर में बीपीएल, एससी, एसटी के 2 लाख 5 हजार 213 बच्चों को प्रवेश दिलाया गया है. उन्होंने कहा कि 4 हजार 446 बच्चों को रायपुर में ही प्रवेश दिलाया गया है और सरकार कहीं भी पीछे नहीं है.

बीजेपी विधायक देवजी भाई पटेल ने कहा कि कई निजी स्कूलों में आरटीई के जरिए एडमिशन शून्य या फिर 1-2 बताया गया है, ऐसी स्थिति क्यों है. इस पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि आरटीई का पालन कड़ाई से कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां के लिए भी आवेदन आया, वहां एडमिशन कराया गया और किसी भी तरह की शिकायत नहीं मिली है.

गौरतलब है कि सत्र 2017-18 में बीपीएल आरक्षित सीट की संख्या रायपुर के लिए 6,534 थी, इसमें एडमिशन केवल 2,767 सीटों पर हुआ. वहीं बिलासपुर में बीपीएल आरक्षित सीट की संख्या 570 थी, इसमें एडमिशन केवल 239 सीटों पर हुआ. वहीं दुर्ग-भिलाई में बीपीएल आरक्षित सीट की संख्या 2680 थी, इसमें एडमिशन केवल 1248 सीटों पर हुआ.