सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। देश के किसान आंदोलन को तोड़ने के प्रयास के विरोध में रायपुर में छत्तीसगढ़ के किसान अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल में बैठे हैं. किसानों ने आंदोलन को सिर्फ़ हरियाणा और पंजाब का नहीं बल्कि पूरे देश का आंदोलन बताते हुए कहा कि जब तक तीनों कानून वापस नहीं लिया जाएगा तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगा.

बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर छत्तीसगढ़ के किसानों का क्रमिक भूख हड़ताल के चौथे दिन भी जारी है. आंदोलन में बैठे किसान नेता पारसनाथ ने बताया कि देश भर के किसान दिल्ली में तीन कृषि क़ानून के विरोध में दिल्ली में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कई दौर के केंद्र सरकार के साथ बातचीत भी हुई बातचीत असफल रही. हमारी माँग है कि तीनों क़ानून को ख़त्म किया जाए.

किसान नेता ने बताया कि किसान आंदोलन को कुचलने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. कभी कहा जा रहा है कि आंदोलन पंजाब और हरियाणा का है, तो कई जगह कहा जा रहा है कि आंदोलन में नई राजनीतिक पार्टी है. इस तरह की बयानबाजी कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके विरोध में छत्तीसगढ़ में भूख हड़ताल पर बैठे हैं. जब तक माँग पूरी नहीं होगी भूख हड़ताल जारी रहेगा

किसान महासभा के तेज राम विद्रोही ने बताया जो केंद्र सरकार जो कानून लाई है, यह सिर्फ़ कॉरपोरेट घरानों के लिए है. किसान एक गुलाम के रूप में काम करेगा. इस तीनों कानून को ख़त्म करने रद्द करने की माँग को लेकर देश भर के किसान दिल्ली जा रहे थे, उन्हें रोक लिया गया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश के ख्याति प्राप्त लोग अपने सम्मान को वापस कर रहे हैं. आंदोलन ज़ोर पकड़ रहा है. सरकार को समझना चाहिए, ये किसान के हित में नहीं है. केंद्र सरकार को इन कानूनों को ख़त्म कर देना चाहिए