सोहराब आलम, मोतिहारी. Motihari News: मोतिहारी में एनडीपीएस कोर्ट-2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद दो अभियुक्त को 14 साल का सश्रम कारावास और प्रत्येक को एक-एक लाख रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अर्थ दंड नहीं देने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

नेपाल के रास्ते भारत में किया प्रवेश

कोर्ट ने यह सजा जिले के घोड़ासहन थाना के पकही निवासी शमीर शाह उर्फ चेलवा तथा सलमान शाह उर्फ बेलवा को सुनाई है। मामले में घोड़ासहन थाने में कांड संख्या 405/2021 दर्ज हुई थी। इसमें कहा गया था कि 11 सितंबर 2012 को 10.30 बजे दिन में घोड़ासहन के बलान मोड़ के पास गुप्त सूचना के आलोक में वाहन जांच किया जा रहा था। उसी दौरान नेपाल की ओर से अपाची बाइक पर दो व्यक्ति भारत में प्रवेश किया। इस क्रम में दोनों की गिरफ्तारी हुई।

3 किलो 400 ग्राम चरस बरामद

पुलिस बल ने बाइक को रोककर तलाशी ली तलाशी के दौरान दोनों युवकों के पास से एक काले रंग के बैग में रखे तीन किलो चार सौ ग्राम चरस बरामद किया गया। एनडीपीएस वाद संख्या 89/2021 विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक प्रभाष त्रिपाठी ने बारह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर साक्ष्य कराया। न्यायाधीश ने सुनवाई पूरी कर नामजद दोनों अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाई। बता दें कि चेलवा और बैला शटर कटवा के रूप में पूरे हिंदूस्तान में प्रसिद्ध हैं। शटर काटने के अलावा दोनों अब चरस तस्करी का नया धंधा शुरू किया था, जो मोतिहारी पुलिस के लिए लगातार चुनौती बना हुआ था।

चेलवा-बेलवा गिरोह में 200 सदस्य सक्रिय

बताया जाता है कि चेलवा-बेलवा के गिरोह में करीब 200 सक्रिय सदस्य हैं। देश के कई राज्यों की पुलिस चोरी की घटनाओं को लेकर अक्सर पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन थाना क्षेत्र में आती रहती है। घोड़ासहन थाना क्षेत्र भारत-नेपाल सीमा से सटा है। इसके कारण नेपाल में चोरी का सामान बेचने और वहां छुपने में इस गैंग को फायदा मिलता है। चेलवा-बेलवा पर देश भर में चार दर्जन के करीब केस दर्ज हैं।

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