Chhat Puja 2023: छठ पर्व नाम सुनते ही बिहारवासियों के मन में एक अलग ही चमक आ जाती है.आज से छठ पर्व की शुरुआत हो गई है.छठ महापर्व हिंदू धर्म का सबसे कठिन व्रत माना गया है क्योंकि यह पर्व नहाय खाय से शुरू होकर पूरे चार दिनों तक चलता है.
छठ महापर्व में अर्घ्य का काफी महत्व माना गया है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पर्व के दिन सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से शरीर से सभी तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है. छठ महापर्व प्रकृति को समर्पित होता है. छठ पर्व में चढ़ाएं जाने वाला प्रसाद का बहुत ही खास महत्व होता है. आज हम आपको बताएंगे कि छठ पर्व में अर्पित किए जाने वाले प्रसाद कौन-कौन शामिल है.तो आइए विस्तार से जानते हैं.
ठेकुआ (Chhat Puja 2023)
छठ महापर्व में प्रसाद की बात करें, तो सबसे पहले स्थान पर ठेकुआ का नाम आता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ठेकुआ को प्रसाद ही नहीं बल्कि महाप्रसाद माना गया है.ठेकुआ गुड़ और आटे का बना होता है.
केला (Chhat Puja 2023)
ज्योतिष शास्त्र में केला को शुद्ध फल माना गया है. मान्यता है कि केला छठ मैया को प्रसाद के रूप में बेहद पसंद होता है. ऐसे में छठ महापर्व के दिन पक्के केले के साथ कच्चा केला चढ़ाया जाता है.
डाभ नींबू (Chhat Puja 2023)
डाभ नींबू सामान्य नींबू से बड़ा होता है.इसे प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.
नारियल(Chhat Puja 2023)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नारियल के बिना छठ महापर्व अधूरी मानी जाती है. ऐसे में छठ पर्व के दिन पानी वाला नारियल प्रसाद के रूप में जरूर उपयोग करना चाहिए.
गन्ना (Chhat Puja 2023)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गन्ना बेहद ही शुभ फल माना गया है. साथ ही छठ माता को गन्ना बेहद ही प्रिय है. ऐसे में छठ पर्व के दिन गन्ना प्रसाद के रूप में जरूर उपयोग करना चाहिए.मान्यता है कि गन्ने के बिना छठ महापर्व अधूरी मानी जाती है.
सिंघाड़ा (Chhat Puja 2023)
सिंघाड़ा फल में काफी औषधीय गुण होते हैं. साथ ही इसे काफी शुद्ध फल भी माना गया है. ऐसे में सिंघाड़े को छठ पर्व में प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.
सुपारी (Chhat Puja 2023)
छठ पर्व में सुपारी का बेहद ही महत्व होता है. कहा जाता है कि छठ पर्व में सुपारी से संकल्प लिया जाता है.
चावल के लड्डू (Chhat Puja 2023)
छठ महापर्व के समय धान की कटाई की जाती है ऐसे में किसान नए धान के चावल के लड्डू बनाकर भगवान सूर्य, छठी मैया को अर्पित करते हैं. मान्यता है कि लोग छठ मैया को चावल के लड्डू अर्पित करने के बाद ही नई फसल के चावल ग्रहण करते हैं.
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