Chhath Puja Dabha Benefits: डाभ नींबू (ग्रेपफ्रूट या चकोतरा) न केवल छठ पूजा के प्रसाद में एक पारंपरिक फल है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिहाज से भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है. छठ पर्व में इसका सेवन शरीर को प्राकृतिक ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक शक्ति देने के लिए किया जाता है. आइए विस्तार से जानते हैं डाभ (चकोतरा) के सेवन से मिलने वाले प्रमुख स्वास्थ्य लाभ.

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Chhath Puja Dabha Benefits
Chhath Puja Dabha Benefits

रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाता है: डाभ में विटामिन C की प्रचुर मात्रा होती है, जो शरीर की इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और संक्रमणों से बचाव करती है. यह सर्दी-जुकाम और वायरल बुखार जैसी बीमारियों से बचाने में सहायक है.

हृदय के लिए लाभदायक: इसमें मौजूद पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं और कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित बनाए रखते हैं, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है.

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वजन घटाने में सहायक: डाभ का सेवन मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाता है और इसमें कैलोरी बहुत कम होती है. इसका रस पीने से पेट देर तक भरा महसूस होता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है.

त्वचा को चमकदार बनाता है: विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा से फ्री रैडिकल्स को हटाते हैं, जिससे त्वचा पर निखार आता है और झुर्रियों की समस्या कम होती है.

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है: डाभ में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज व गैस की समस्या से राहत देता है. पूजा के व्रत के बाद इसे लेने से शरीर को हल्कापन महसूस होता है.

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शरीर को डिटॉक्स करता है: डाभ का रस शरीर से टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) निकालने में मदद करता है और लिवर को स्वस्थ रखता है. इसलिए इसे छठ पूजा के प्रसाद में शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है.

ऊर्जा और ताजगी प्रदान करता है: व्रत के दौरान लंबे समय तक बिना भोजन के रहने के बाद डाभ का सेवन शरीर को तुरंत ग्लूकोज, पानी और मिनरल्स देता है. इससे थकान दूर होती है और ऊर्जा लौट आती है.

छठ पूजा में डाभ का धार्मिक महत्व: छठ व्रत में सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद जो प्रसाद ग्रहण किया जाता है, उसमें डाभ को शामिल करना शुभ माना जाता है. इसका गोलाकार आकार और रसदार स्वाद सूर्य की ऊर्जा और प्रकृति के संतुलन का प्रतीक है.

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