सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने 109 करोड़ रूपए का घोटाला किया है. जबकि अकेले केवल 43 करोड़ 40 लाख घोटाला निराश्रित निधि के विशेष आडिट में हुआ है. इस घोटाले का खुलासा सूचना के अधिकार में मिली जानकारी के अनुसार किया गया है. विभाग के अधिकारियों ने निराश्रित विधवा पेंशन योजना, दिव्यांग और बुजुर्गों की मिलने वाली राशि पर डकैती डाली है. इस तरह ये अधिकारी सरकार को चूना लगाने में लगे हैं.

मामला उजागर हुआ तो जांच की गई, लेकिन जांच में भी लीपापोती कर दोषियों को बचा लिया गया है. इस घोटाले में विभागीय अधिकारियों के साथ घोटाला पकड़ने वाले कलेक्टर कार्रवाई न कर आरोपी अधिकारियों को बचा रहे हैं. जांच टीम को विभाग ने बैंक खातों का पासबुक भी नहीं दिया. कई बैंको में संधारित निराश्रित राशि का जारी चेक का विवरण कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. इलाहाबाद व अन्य बैंक में करोड़ों का एफडी बनाये जाने का उल्लेख नहीं है. निराश्रित निधी राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया. एफडी की व्याज राशि को भी बचत खाते में जमा नहीं किया गया और न ही इस राशि का कोई अता पता है. 

इतनी राशि का घोटाला केवल रायपुर में किया गया है, जबकि जिलेवार घोटाला होना अभी बाकी है. आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने दस्तावेजों के आधार पर यह आरोप समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों पर लगाया है.

आरटीआई कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला का कहना है कि समाज कल्याण विभाग में 100 करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया गया है. इसका दस्तावेज भी हमारे पास है. दस्तावेज़ के माध्यम से ही आज हम खुलासा कर रहे है. आरटीआई से मिले दस्तावेज़ के मुताबिक़ समाज कल्याण द्वारा संचालित निराश्रित, दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए मदद योजना में घोटाला किया गया है.

उनका कहना है कि जिन चार जिलों के कलेक्टरों ने अपने यहां कि गड़बड़ी पकड़ा था उन्होंने जाँच में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं किया, बल्कि पूरे मामले को ही दबा दिया है. प्रदेश भर 500 करोड़ से ज़्यादा का घोटाला हुआ है. अभी हमारे पास सौ करोड़ से ज़्यादा का दस्तावेज है. यह घोटाला पूर्व सरकार में भी हो रहा था और वर्तमान सरकार में भी जारी है.

कुणाल शुक्ला का आगे कहना है कि इसकी शिकायत तमाम ज़िम्मेदार अधिकारी, विभागीय मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी की गई है. यदि शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई, तो अब कोर्ट का शरण लिया जाएगा. उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि ऐसे भ्रष्ट अधिकारी और उनको आसरा देने वाले बड़े अधिकारियों को बिल्कुल नहीं बख़्शना चाहिए. क्योंकि ये अधिकारी निराश्रित वृद्धा पेंशन, दिव्यांगों को मिलने वाला पेंशन तक को नहीं छोड़ रहे है.

अब देखना यह होगा कि इस मामले में अब क्या कुछ कार्रवाई की जाती है. क्योंकि विभागीय अधिकारियों और मंत्री से लेकर सीएम तक से इसकी शिकायत की जा चुकी है. या फिर यह खेल ऐसे ही बदस्तूर जारी रहेगा.