पैसा विकास के लिए खर्च होना चाहिए, बर्बादी के लिए नहीं- नेता प्रतिपक्ष

रायपुर। बजट अनुदान मांगों पर विभागवार चर्चा ख़त्म होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विनियोग विधेयक पेश किया, जिसे चर्चा के बाद पारित कर दिया गया. इस विधेयक के बाद सरकार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए खर्च करने का अधिकार मिल गया. इससे पहले विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के अर्थी पर अर्थव्यवस्था वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि रमन सिंह ने अर्थव्यवस्था की अर्थी तक की बात कही थी, इस साल हम सरप्लस बजट में हैं, लेकिन अर्थी किस फ्रस्टेशन में कह रहे हैं, पता नहीं.

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि बजट का 80 फ़ीसदी सरकार ने लोन लिया है, ये बात बिल्कुल सच है. झारखंड में 89 फ़ीसदी क़र्ज़ है, उत्तराखंड में 104 फ़ीसदी लोन है. उत्तर प्रदेश में 92 फ़ीसदी, गुजरात में 146 फ़ीसदी, मध्य प्रदेश में 125 फ़ीसदी, हरियाणा 126 फ़ीसदी क़र्ज़ है. अब अर्थवयस्था हमारी ठीक है या उनकी. रमन सिंह किस फ़्रस्टेशन में ये कह रहे हैं कि अर्थव्यवस्था अर्थी पर है ये मैं नहीं जानता.

जीएसडीपी की बातें इस सत्र में नहीं हुई, लेकिन पिछले सत्रों तक बहुत हुई. डॉक्टर रमन सिंह ने तीन हज़ार करोड़ का घाटा का अनुमान बताया था. केंद्र सरकार खुद कहती है कि जीएसटी के अगेन्स्ट लोन ले लो. हमने तीन हज़ार करोड़ का लोन लिया. इस साल भी जीएसटी लोन चार हज़ार करोड़ से ज़्यादा है. 2012-2013 के बाद इस साल हमने सबसे कम क़र्ज़ लिया है.

सीएम बघेल ने कहा कि महालेखाकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल का बजट सरप्लस है. ये हमारी उपलब्धि है. इस चिंता से आप मुक्त होहिए कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अर्थी पर है. विनियोग का आकार 1 लाख 12 हज़ार 300 करोड़ है.

कुल प्राप्तियां 1 लाख 4 हज़ार करोड़ है. वित्तीय घाटा चार हज़ार 600 करोड़ है. वित्तीय घाटा 3.3 फ़ीसदी करने में हम सफल हुए हैं. राज्य की जीएसडीपी में 11. 35 फ़ीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है.

भूमिहीन कृषि मज़दूर की राशि बढ़ाकर सात हजार कर दिया है. – व्यापमं की परीक्षाओं में लगने वाले शुल्क को हमने माफ़ किया है. जन घोषणा पत्र बनाने वाले राजा साहब को इतना याद नहीं होगा, जितना विपक्ष ने याद कर रखा है. कोरोना आएगा ये हमें नहीं पता था, बावजूद इसके हम वादों को एक एक कर पूरा कर रहे हैं. बीजेपी की तरह नहीं जो कहते थे 15 लाख हर जेब में आएगा.

पुरानी पेंशन योजना हम शीघ्र बहाल करने जा रहे हैं. बढ़ते नशे के ख़िलाफ़ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. हुक्का बार संचालित थे. स्कूलों के बग़ल में हुक्का बार चलता था. आज पुलिस कार्रवाई कर रही है.

डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी कह रहे हैं गांजा और भांग की दुकानें बढ़ाई जाए. वे इसके लिए केंद्र को चिट्ठी लिख दें या फिर एक आशासकीय संकल्प ले आएं. पुलिस प्रशासन को चुस्त करने कई ज़िलों में थानों के उन्नयन के लिए 226 नए पदों का सृजन किया जा रहा है.

प्रदेश विकास की ओर नहीं विनाश की ओर जा रहा है- धरमलाल कौशिक

विनियोग विधेयक पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि पैसा विकास के लिए खर्च होना चाहिए, बर्बादी के लिए नहीं. ये प्रदेश विकास की ओर नहीं विनाश की ओर जा रहा है. सृजन नहीं गर्त की ओर जा रहा है. प्रदेश की स्थिति क्या है, लोग नशे की ओर अग्रसर हैं.

कौशिक ने कहा कि दुनिया भर में ऐसा कोई नशा नहीं है, जो राज्य में ना मिलता हो. पढ़ने लिखने की बजाए यदि बच्चे नशे की लत में जाएंगे तो राज्य का क्या होगा. 80 फ़ीसदी घटनाएं नशे की वजह से हो रही है. नशे में रिश्तों का क़त्ल हो रहा है.

सरकार की फ्लैगशिप योजना, गोबर खरीदी योजना के तहत अब तक 129 करोड़ की खरीदी हुई है, और 50 करोड़ का भुगतान स्व सहायता समूह को की गई. प्रति महिला 5 हजार का भुगतान किया गया है, जिसमें एक दिन में एक महिला को 20 रुपए मिला है.

राजीव मितान योजना में 1300से अधिक समूह को 132 करोड़ एक वर्ष में देने का प्रावधान है. इसका विजन ही क्लियर नहीं. सरकार ने 3 साल में प्रदेश की देनदारी दोगुनी कर दी है. भाजपा शासन काल में 2018 में यह राशि 55049 करोड़ थी. 2अजय चंद्राकर021 में एक लाख करोड़ और जो अनुमान लगाया गया है. 2022 के लिए एक लाख 14 करोड़ हो चुकी है.

भूपेश सरकार में 1400 से ज़्यादा काउंटर हो गए -अजय चंद्राकर

विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने देश को दिया क्या ? सनातन धर्म को बचाने जिन पांच संतों के नाम आए, उनमें से एक वल्लभाचार्य का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ. छायावाद छत्तीसगढ़ ने दिया, लेकिन आज छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के नाम पर केवल लूट निकलेगी.

छत्तीसगढ़ का जब इतिहास लिखा जाएगा. गज़ेटियर लिखा जाएगा तब ये साढ़े तीन साल के वक्त को कोई याद नहीं रखेगा. तीन साल तक कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को लाने कोई मुद्दा नहीं मिला तो कहने लगे वर्धा बनाएंगे, युद्ध स्मारक बनाएंगे. कांग्रेस अब दो राज्यों में है. दो राज्य में पार्टनर है. देश में अब ये परसेप्शन बन रहा है कि कांग्रेस को वोट देना मतलब वोट ख़राब करना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली सिमट गए हैं. उनके शपथ लेते ही नक्सली कम हो गए. 1980 से 2000 तक राज्य में जो नक्सली फैले उसका ज़िम्मेदार कौन है? छत्तीसगढ़ देश में पहला राज्य है, जहां 60 हाथियों की करंट लगने से मौत हो गई. इस ज़िम्मेदारी से सरकार बच नहीं सकती.

रमन सिंह सरकार के वक़्त 700 शराब काउंटर थे, लेकिन अब 1400 से ज़्यादा काउंटर हो गए हैं. तथाकथित घोषणा पत्र को भी पूरा नहीं कर रही है सरकार. प्रदेश में क़ानून का शासन नहीं बल्कि शासक का क़ानून चल रहा है. सुराजी गांव अख़बारों में छपता है.

राज्यपाल के अभिभाषण में सुनने को मिलता है, लेकिन सुराजी गांव की परिभाषा है क्या ? रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की परिभाषा सरकार अब तक दे नहीं सकी. स्टार्ट अप के लिए सलाहकार रखे गए हैं. 13 करोड़ रुपए दिए गए हैं. राज्य में स्टार्ट अप नशे का हो रहा है. जितने प्रकार के नशे का स्टार्ट अप है, छत्तीसगढ़ ही है.

ज़मीन में क़ब्ज़ा, रिकार्ड में हेराफेरी का स्टार्ट अप है. गुढिहारी से बिजली ऑफ़िस हटाकर ज़मीन कौन ख़रीदेगा, ये मैं अभी बता सकता हूं. नूतन राइस मिल की ज़मीन कौन ख़रीदेगा ये तय है. ये स्टार्ट अप छत्तीसगढ़ का है.

एमओयू का रेट फ़िक्स है. सरकार कहती है कि 76 हज़ार करोड़ के एमओयू किए हैं, लेकिन इन एमओयू में से केवल दो एमओयू ही है, जो बाहर के हैं. एक मेसर्स ब्लू कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता और दूसरा सूर्या एनर्जी मुंबई. बाक़ी सभी एमओयू छत्तीसगढ़ से हैं.

बस्तर में 36 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन आरेंज लैंड किया जा रहा है. बोधघाट परियोजना को लेकर इसी सदन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम बनाकर रहेंगे, लेकिन इसका ठेका तक नहीं हो पाया है.

2018-2019 में की गई धान ख़रीदी हुई. इसमें से 71000 क्विंटल धान का निष्पादन अब तक नहीं किया जा सका है. कलेक्टरों को सरकार निष्पादन के निर्देश दे रही है. कलेक्टर कौन सी विशेषज्ञता के साथ बैठे हैं कि सड़ा हुआ धान का निष्पादन करेंगे. जिस मंडी क़ानून का सरकार विरोध करती रही, उसी शैली को अपनाया गया.

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