रायपुर। विधानसभा में शुक्रवार को चर्चा के दौरान पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने राशन दुकानों द्वारा अनाज-शक्कर आबंटन का मामला उठाते हुए 68 हजार 230 टन चावल के गायब होने की बात कही. 500-600 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाते हुए विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की. मंत्री अमरजीत भगत के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक सदन में नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई.

पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह ने राशन दुकानों द्वारा अनाज शक्कर आबंटन का मामला उठाते हुए कहा कि खाद्य विभाग का डाटा बेस और जिले के डाटा बेस में काफी अंतर है. 68 हजार मिट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है. 68 हजार 230 टन चावल गायब है. EOW की रिपोर्ट का क्या हुआ? खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जितने बोगस राशनकार्ड बनते थे, आपके समय होता था. आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहें हैं. हमने 13,392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन किया. वेरिफिकेशन के बाद 4952 दुकानों में करीब 41 हजार टन की गड़बड़ियां पाईं गई हैं. अब तक 13 प्रकरणों में एफआईआर की गई. 161 दुकान निलंबित किए गए. 140 दुकान निरस्त किए गए.

रमन सिंह ने 500 से 600 करोड़ का घोटाला का आरोप लगाते हुए कहा कि नियम कहता है कि अतिशेष है, तो खाद्य निरीक्षक उसकी जांच कराकर उसका डाटा दुरुस्त करे. अधिकारी इसमें संलिप्त हैं, इसलिए विधानसभा की समिति से इसकी जांच की जाए. मंत्री ने कहा कि 96 प्रतिशत लोगों को बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के आधार पर अनाज का वितरण किया जा रहा है. कुछ दुकानों में ओवर स्टॉक है, उसे दुरुस्त किया जा रहा है. ये सिस्टम बीजेपी के कार्यकाल है.

मंत्री के जवाब पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति करते हुए हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सदन की कमेटी से जांच की जाए. अजय चंद्राकर ने कहा कि हम गलत है, तो जांच कराइए. मंत्री ने कहा कि जांच कर रहें है, कोई नहीं बचेगा. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने सदन में नारेबाजी की. आसंदी ने विपक्ष से कहा कि आप मंत्री जी का उत्तर सुन लीजिए. भाजपा विधायक सदन में विधायकों की कमेटी से जांच की मांग पर अड़े रहे. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित की गई.

सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने फिर अनाज आबंटन का मुद्दा उठाया. सदन में फिर नारेबाजी शुरू हो गई. भाजपा विधायकों की नारेबाजी के जवाब में सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी नारेबाजी की. सदन की कमेटी से जांच की मांग पर भाजपा विधायक अड़े रहे. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई.

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