रायपुर। आज से छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है. राज्यपाल बलरामजी दास टंडन के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की शुरुआत हुई है. उन्होंने कहा कि कार्यकाल के अंतिम वर्ष में भी सरकार प्रदेशवासियों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में सफल होगी. रमन सरकार ने गांव, गरीब, किसान, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यकों के लिए विशिष्ट काम किए.

राज्यपाल ने कहा कि नीतियां और योजनाएं इनके हिसाब से बनाईं और उन्हें लाभान्वित किया. विशिष्ट जनहितकारी योजनाओं को लागू किया गया. कृषि क्षेत्र में सुधार एल लंबी प्रक्रिया है. दलहन में 43 प्रतिशत, उद्यानिकी फसलों में 406 फीसदी की वृद्धि हुई. पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर राज्य सरकार क्षेत्र विशेष की जलवायु के मुताबिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है.

राज्यपाल ने कहा कि किसानों की बारहमासी आमदनी को सुनिश्चित करने के लिए पशुपालन, मछलीपालन किया जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षाओं के मुताबिक राज्य सरकार ने स्वाइल हेल्थ योजना का क्रियान्वयन किया. मिट्टी की उर्वरता के लिए फसल अपशेष जलाने पर रोक लगाई और किसानों को 1 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी.

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने जनसंसाधन के विकास के लिए काफी काम किए. उन्होंने कहा कि सरकार ने राजस्व माफ किए. धान खरीदी की प्रक्रिया से छत्तीसगढ़ को देशभर में सराहना मिली. 2100 रुपए धान का समर्थन मूल्य सरकार ने दिया. राज्यपाल ने कहा कि पिछले साल 29 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया. उन्होंने कहा कि गन्ना और मक्का भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है.

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कागजी कार्यवाही को डिजिटल कर रही है. सरकार ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों के किसानों को राहत दी. राज्यपाल ने कहा कि नगरीय क्षेत्रों से हवाई सर्वेक्षण के आधार पर नया राजस्व अभिलेख तैयार किया जा रहा है.

5 रुपए में श्रमिकों को भोजन देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है- राज्यपाल

राज्यपाल बलरामजीदास टंडन ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत 5 रुपए में श्रमिकों को भोजन देने का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल संसाधन के विकास के लिए अनेक नवाचार किया गया है. सिंचाई क्षमता 27 से बढ़कर 32 फीसदी हो गई है. सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए भागीरथी योजना चलाई जा रही है. प्रधानमंत्री ने इसे रोल मॉडल बताया है. केलो परियोजना से 42 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करने की योजना पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई योजना की 21 और सौर सिंचाई योजना की 26 परियोजना पर काम शुरू किया गया. तेंदूपत्ता संग्रहण दर को बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया. बोनस तिहार के जरिये 274 करोड़ रुपये का वितरण किया गया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने महिला मुखिया के नाम से राशन कार्ड जारी करने का जो नवाचार शुरू किया था, वो बहुत सफल हुआ है. महिलाओं को मेरी मर्जी योजना का लाभ मिल रहा है. उज्ज्वला योजना का भी लाभ प्रदेश की महिलाओं को दिया जा रहा है. 18 लाख महिलाओं को अब तक इसका फायदा मिला है.

राज्यपाल ने कहा कि मिशन अमृत के तहत दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर में तेजी से काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से प्रोत्साहन पुरस्कार भी मिला. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने रेरा का गठन कर एक नई शुरुआत की.

राज्यपाल बलरामजीदास टंडन ने कहा कि सभी संभागों में प्रयास विद्यायल की स्थापना की गई है, एकलव्य आवासीय विद्यालय की संख्या 25 हो गई है. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सोच को आगे बढ़ाते हुए सभी जिलों में जिला खनिज न्यास का गठन किया गया है. न्यास के जरिए 6 हजार करोड़ रुपये के विकास काम कराए गए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज विकास निधि से अधिसूचित इलाकों में विकास के काम सुनिश्चित किए जा रहे हैं. गौण खनिजों से प्राप्त राशि से पंचायतों के विकास के लिए 1 हजार78 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है.

18 हजार 151 गांव ओडीएफ हो चुके हैं- राज्यपाल

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के 18 हजार 151 गांव ओडीएफ हो चुके हैं. 6 लाख 88 हजार आवास देने का लक्ष्य रखा गया है.

कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल को टोका

कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने बीच में राज्यपाल को टोकते हुए कहा कि फसल बीमा का पूरा लाभ बीमा कंपनियां ले रही हैं. उन्होंने कहा कि कलेक्टर जो चाहते हैं, वही काम मंजूर होते हैं, लोकहित में कोई काम मंजूर नहीं होते हैं.

किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है. पीसीसी चीफ भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को कोई राहत नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि सूखाग्रस्त क्षेत्रों में राहत का काम नजर नहीं आ रहा है, सरकार ने सिर्फ घोषणा कर दी. विपक्ष ने राज्यपाल से कहा कि सरकार आपसे बहुत असत्य वचन कहलवा रही है. भूपेश बघेल ने कहा कि बोनस तिहार तो हो गया, अब सरकार दारू तिहार भी शुरू कर देगी.

विपक्ष ने कहा कि ये सरकार आदिवासियों की जमीन छीनना चाह रही है. विपक्ष ने कहा कि गांव तो ओडीएफ हो गए हैं, लेकिन पंचायत सचिवों को अभी तक उनका पैसा नहीं मिला है.