रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज आरक्षण के मुद्दे पर सदन में सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्य के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. मंत्री शिव कुमार डहरिया और भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर के बीच टकराव की स्थित बन गई, मामला हाथापाई तक भी जा पहुंचा. इसी दौरान वरिष्ठ विधायकों ने बीच-बचाव किया. छत्तीसगढ़ विधानसभा में ऐसी अप्रिय स्थिति देखकर हर कोई दंग था. टकराव यह स्थिति विधानसभा अध्यक्ष के 10 मिनट के लिए कार्रवाई स्थगित किए जाने के बाद बनी.

मंत्री अमरजीत भगत ने मंत्री और विधायक के बीच हाथापाई पर कहा कि आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया गया, जिसे भाजपा और विपक्ष की ओर से विधेयक को रोका जा रहा है. राज्य में नौकरी और शिक्षा प्रभावित हो रही है. भाजपा की ओर से आरक्षण को रोकना शर्मनाक है. आरक्षण विधेयक हम लाकर रहेंगे. सदन में आज जो घटना घटी है वह बहुत ही शर्मनाक है. विपक्ष ने आप खो दिया है. विपक्षी विधायक हाथापाई में आ गए हैं.

वहीं बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि दुर्भाग्यजनक स्थिति है कि लेजिसलेशन पर चर्चा करते हैं तो मंत्री आपत्ति करते हैं. हम चाहते हैं आरक्षण का लाभ लोगों को मिले, लेकिन लगता है कांग्रेस के लोग आरक्षण नहीं चाहते. क़ानून विरुद्ध विधेयक आरक्षण लाया जा रहा है. ओबीसी आरक्षण लागू हुआ तब एक याचिका लगा दी गई. याचिका लगाने वाले को पद दिया गया.

इसके पहले सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि आरक्षण विधेयक पर हम चर्चा भी करेंगे और समर्थन भी, लेकिन प्रक्रिया का पालन करते हुए लाया जाए. बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आप सौ फ़ीसदी आरक्षण कर दें, तब भी हम समर्थन देंगे, लेकिन नियम प्रक्रियाओं के तहत आरक्षण लाया जाए.

उन्होंने कहा कि देश में क़ानून दो तरह से बनते हैं. एक संसद और दूसरा सुप्रीम कोर्ट से. देश की नौ जजों की संविधान पीठ ने आरक्षण को लेकर जो निर्णय दिया, क्या उसके विरुद्ध कोई क़ानून इस सदन में लाया जा सकता है? क्या आज हम लोकतंत्र की हत्या करने जा रहे हैं? छत्तीसगढ़ सरकार आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट गई है. विधानसभा के नियम प्रक्रिया में ये लिखा है कि कोई मामला न्यायालय में लंबित है, ऐसे विषय सदन में नहीं लाये जा सकते.

कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि विपक्ष ग़लत व्याख्या कर रहा है. संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि विपक्ष चर्चा से क्यों भागना चाहता है. एक तरफ़ कह रहे हैं कि समर्थन करेंगे फिर बहस क्यों बढ़ा रहे हैं. चौबे ने पूछा कि आप सब आरक्षण में चर्चा चाहते हैं या नहीं?

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक चुनाव में सिर्फ़ वोट लेने के लिए क्या छत्तीसगढ़ के लाखों लोगों के साथ अन्याय किया जाएगा. नियमों के विरुद्ध आरक्षण लाया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जब सरकार आरक्षण को लेकर ख़ुद सुप्रीम कोर्ट गई हुई है. सुप्रीम कोर्ट में यदि विचाराधीन है, तो क्या सदन में चर्चा कराई जा सकती है.

रविंद्र चौबे ने कहा कि विधेयक के बिंदु और सुप्रीम कोर्ट में जिन बिंदुओं का ज़िक्र है, क्या विपक्ष उनमें अंतर नहीं पाता. इंदिरा साहनी प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का ज़िक्र किया जा रहा है. ये पता होना चाहिए कि कर्नाटक और तमिलनाडु में तय सीमा से ज़्यादा आरक्षण है. संविधान की अनुसूची 9 में इसे शामिल भी किया गया है. विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि सभी चाहते हैं कि आरक्षण मिले. स्पीकर डॉक्टर चरणदास महंत ने कहा कि आरक्षण पर इस महत्वपूर्ण चर्चा पर देश की नजरे हैं. शांति पूर्ण ढंग से चर्चा में शामिल होइए.