रायपुर। 19 जुलाई 1969 को देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था. छतीसगढ़ बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन ने आज की परिस्थितियों को देखते हुए इस अवसर पर तमाम बैंक संगठनों से सभाएं, बैठकें, सेमिनार, कार्यशालाएं जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करने की गुजारिश की है.

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छतीसगढ़ बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन महासचिव शिरीष नलगुंडवार ने बताया कि आज ही के दिन 1969 में 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ था. इस तारीख की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि आज जहां सरकार का एजेंडा बैंकों का निजीकरण करना और लोगों की बहुमूल्य बचत को कॉरपोरेट निहित स्वार्थों को सौंपना है, वहीं दूसरी ओर हमारी प्राथमिकता सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा करना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सामाजिक दिशा को बनाए रखना और बैंकों के निजीकरण के प्रयासों को परास्त करना है.

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह खुद को फिर से प्रतिबद्ध करने और संकल्प लेने का अवसर भी है कि यदि सरकार बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव को लाती है, तो हम इस प्रस्ताव को परास्त करने के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने एवं संघर्ष करने के लिए तैयार रहें. इस बैंक राष्ट्रीयकरण दिवस पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के संरक्षण और उन्हें मजबूत बनाने की दिशा में काम करने का, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की रक्षा करने का, बैंकों के निजीकरण को परास्त करने का, आम जनता को बेहतर- त्वरित एवं उत्तम ग्राहक सेवा प्रदान करने का संकल्प लें.

शिरीष नलगुंडवार ने कहा कि यदि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मजबूत होंगे तो जीवंत अर्थव्यवस्था होगी, युवाओं के लिए ज्यादा रोजगार के अवसर मिलेंगे, उत्पादकता बढ़ेगी और हमारी अर्थव्यवस्था का विकास होगा.