रायपुर। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के नियमों में अहम बदलाव किया है. 3 वर्षीय मेडिकल पाठ्यक्रम वाले डॉक्टरों को नया पद नाम दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले अपने नाम के आगे ‘डॉक्टर’ नहीं लिख पाएंगे. न ही ग्रामीण चिकित्सा अधिकारी कहलाएंगे, बल्कि नए आदेश के तहत अब यह ‘ग्रामीण चिकित्सा सहायक’ कहलाएंगे. ये अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लिख पाएंगे.

दरअसल 3 जनवरी 2017 को जारी ग्रामीण चिकित्सा सहायक (आर.एम.ए.) पदनाम के स्थान पर ‘सहायक चिकित्सा अधिकारी’ पदनाम परिवर्तन किया गया था. राज्य सरकार ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है और नया पदनाम को लागू कर दिया गया है.

राज्य सरकार ने स्वास्थ्य कार्यक्रमों, लोक-स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन, संचालन, अन्य आपात सेवा की दृष्टि से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अन्य स्वास्थ्य संस्थाओं में मिड-लेवल हेल्थ केयर प्रोवाइडर के रूप में कार्यरत ग्रामीण चिकित्सा सहायक के कार्यो/कार्यदायित्व के लिए नीति-निर्धारण किया है.

ये बनाए गए है नए नियम…

  • राज्य के समस्त ग्रामीण चिकित्सा सहायक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी/खण्ड चिकित्सा अधिकारी के सीधे नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण में कार्य करेंगे. ग्रामीण चिकित्सा सहायक, चिकित्सा अधिकारी के सहायक के रूप में ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करेंगे.
  • खण्ड चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा अधिकारी के पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एण्ड वैलनेस सेंटरों में समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों के क्रियान्वयन किये जाने के लिए ग्रामीण चिकित्सा सहायक कार्य करेंगे.
  • ग्रामीण चिकित्सा सहायक के द्वारा किसी भी प्रकार के स्वतंत्र प्रैक्टिस किये जाने के कलिए पूर्णतः प्रतिबन्ध रहेगा. स्वतंत्र प्रैक्टिस किये जाने व पाए जाने पर उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी.
  • ग्रामीण चिकित्सा सहायक के द्वारा अपने नाम के सम्मुख डॉक्टर अथवा Dr. Prefix का प्रयोग पूर्णतः प्रतिबंधित होगा.
  • स्वास्थ्य केन्द्रों में ग्रामीण चिकित्सा सहायक के द्वारा बीमारी/गंभीर अवस्थाओं एवं आकस्मिक परिस्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा (First Aid)/स्थिरीकरण (Stabilization) प्रदान करते हुए उन्हें चिकित्सकीय सहायता के लिए उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों में रेफर करेंगे.
  • ग्रामीण चिकित्सा सहायक टेलीकंसल्टेशन/टेलीमेडिसिन के माध्यम से भी चिकित्सा अधिकारियों से मार्गदशन प्राप्त कर उनके पर्यवेक्षण में कार्य करेंगे.
  • स्वास्थ्य विभाग में ग्रामीण चिकित्सा सहायक के पदों का स्तर चिकित्सा अधिकारियों संवर्ग के नीचे एवं अन्य संवर्ग जैसे फार्मासिस्ट, लैब टेकनिशियन, स्टाफ नर्स एवं अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपस्वास्थ्य केन्द्रों के कर्मचारियो से ऊपर होगी.
  • अनिवार्यतः मेडिकोलीगल प्रकरणों (Medicolegal Cases) एवं शवविच्छेदन (Postmortem) के कार्य किसी भी स्थिति में संपादित नहीं करेंगे.