रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि कानूनों को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन चलाया. उनको कहा गया कि ये देशद्रोही हैं, चीनी हैं, आतंकवादी हैं. इनको यहीं मरना था. CM ने PM मोदी पर भी करारा हमला बोला है. उन्होंने याद दिलाया कि लोकसभा में PM ने कहा था कि आन्दोलनजीवी परजवी हैं.

सीएम बघेल ने कहा कि जिसको फैसला करने के नाम से जाना जाता है. फैसला पलटते नहीं, भले ही सैकड़ों की जान चली जाए. उसे फैसला पलटना पड़ा. सीएम ने तंज भरे लहजे में कहा कि छत्तीसगढ़ी में कहा जाता है कि थूक के चाटे बर पड़िस.

भूपेश बघेल ने कहा कि सिर्फ बिमा कंपनी नहीं बल्कि सारी कंपनियां, जिसमें आम हिंदुस्तानियों का पैसा लगा है. उसे ये बेचना चाहते हैं. इसे बचने के लिए सबको एकजुट होना होगा. आवाज़ बुलंद करना होगा, जो प्रधानमंत्री कहते थे, देश बिकने नहीं दूंगा, आज एक-एक करके सारी परिसम्पतियां बिक रही हैं. चाय बेचते- बेचते रेल्वे स्टेशन भी बेचने लगे.

सीएम ने कहा कि यह लोकतांत्रिक देश है. जनभावनाओं के विपरीत आप काम करेंगे तो विरोध होगा. एक ऐसी कंपनी जो हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को ताकत देती है, उसे साज़िश के तहत विदेश कंपनी को देना चाहते हैं. इससे दुर्भाग्य जनक क्या होगा. अब निजीकरण का विरोध होगा.

सीएम ने कहा कि हमले चौतरफा होंगे, कोई नहीं देख रहा है. इस देश के पावर प्लांट की चिमनी कैसे बंद कैसे हो गई. खाद की कमी कैसे हो गई, कोई सोच नहीं रहा है. सरकार कोयले का उत्पादन दोगुना कर देंगे कहा था. 5 % से ज़्यादा कभी नहीं हुआ. क्या उत्पादन को प्रभावित करने का षडयंत्र  हो रहा है. सरकार इस मामले में मौन है.

बघेल ने पूछा DAP में कमी क्यों ? हम कहां पहुंच गए हैं. गज़ब की सरकार है. किसान को DAP, पावर प्लांट को कोयला नहीं, जनता को DAP नहीं उपलब्ध करा पा रहे हैं. आरक्षण को लेकर क्या करेंगे, जब रकारी कंपनियों को बंद कर दिया जाएगा. इसे जन आंदोलन बनाना होगा. मोदी एक बार झुक चुके हैं. दूसरी बार झुकाने में कितना वक्त लगेगा. झुकती है दुनिया झुकाने वाला चाहिए.

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