रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली प्रवास के दौरान आज केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने एफसीआई के अतिरिक्त राज्य के किसानों से खरीदे गए अधिशेष धान से बायो एथेनॉल उत्पादन के लिए अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया. साथ ही मुख्यमंत्री ने वनांचल क्षेत्रों में मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने की मांग भी की.
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ विपरण वर्ष 2018-19 में 80.38 लाख मेट्रिक टन एवं 2019-20 में 83.94 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की गई जिससे उत्पन्न होने वाले परिणामी चावल की केंद्रीय पूल एवं राज्य पूल में राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यक मात्रा के बाद भी धान अधिशेष रहा. अधिशेष धान की मिलिंग कराकर राज्य को अतिरिक्त चावल की मात्रा लेने के लिए बाध्य होना पड़ा. खाद्यान्न से एथेनॉल बनाने वाले प्लांटों की स्थापना के संबंध में राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 में इस संबंध में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं. छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 लाख मेट्रिक टन धान से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है.
बघेल ने एफसीआई के अतिरिक्त राज्य के किसानों से खरीदे गए अधिशेष धान से बायो एथेनॉल उत्पादन के लिए अनुमति देने की मांग की. मुख्यमंत्री ने बताया कि इस कार्य के लिए राज्य शासन द्वारा अधिशेष धान अनुमानित 6 लाख मेट्रिक टन धान को एथेनॉल संयंत्रों को उपलब्ध कराया जाएगा.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्रीय मंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि वनांचल क्षेत्रों में वनवासियों को मिट्टी की तेल की अत्यंत आवश्यकता होती है, इसलिए मिट्टी तेल के कोटे को बढ़ाया जाए. केंद्रीय मंत्री प्रधान ने मुख्यमंत्री बघेल के आग्रह को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.