नितिन नामदेव, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में उपभोक्ता अधिकारों, नए कानूनों और डिजिटल युग की चुनौतियों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई। दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचे उपभोक्ता विवाद प्रतितोष राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अमरेश्वर शाही ने कहा कि वकीलों और आयोग के सदस्यों के लिए नए उपभोक्ता कानून के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। आधुनिक युग में डिजिटल टेक्नोलॉजी से जो विवाद आ रहे हैं, उनका समाधान कैसे किया जाए, इस पर चर्चा हुई।नए कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत अब केवल उपभोक्ता ही नहीं, बल्कि सरकार और प्रशासन भी शिकायत कर सकते हैं, यह प्रावधान है। किसी भी प्रोडक्ट और सर्विसेज की शिकायत अब केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सरकार और प्रशासन भी कर सकते हैं। नए एक्ट में कंट्रोलिंग अथॉरिटी को भी अधिकार मिला है।


उपभोक्ता फोरम में फिलहाल चार तरह के मुकदमे ज्यादा हो रहे हैं, इनमें सर्वाधिक बिल्डर से फ्लैट लेने का विवाद, मेडिकल नेग्लिजेंस, इंश्योरेंस क्लेम्स और बैंकिंग फ्रॉड्स शामिल हैं। आयोग के लिए डिजिटल एरेस्ट के मामले बड़ा चैलेंज हैं। आने वाले समय में एक सुई से लेकर हाथी तक की समस्या फोरम में मिलेगी।
वहीं राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गौतम चौरड़िया ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कंज्यूमर्स की शिकायतों का तेज गति से समाधान किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में फिलहाल कंज्यूमर फोरम में 6,500 केस पेंडिंग हैं। 2 साल पहले 10,000 से ज्यादा केस पेंडिंग थे। रायपुर और दुर्ग में ही केवल 2,000 से ज्यादा केस पेंडिंग हैं। 5 से 8 महीने में केस का समाधान हो रहा है। व्यवहारिक अड़चनों को समझना और उस पर काम करना हमारा मुख्य लक्ष्य है।
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