उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने आज यहां मंत्रालय में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में उन्होंने निजी कॉलेजों में विद्यार्थियों के शैक्षणिक शुल्क, प्राध्यापकों और परीक्षा परिणामों के बारे में अध्ययन के लिए कुलपतियों की तीन सदस्यी समिति गठित करने के निर्देश दिए। यह समिति अध्ययन के पश्चात तीन माह के भीतर अपना प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्तुत करेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री पाण्डेय ने कहा कि किसी भी निजी कॉलेज खोलने के लिए पांच एकड़ का कैम्पस होना चाहिए। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि पिछले तीन वर्ष में आपके क्षेत्र में निजी कॉलेज खोले गए है उनके पास पांच एकड़ से कम जमीन का केम्पस है तो उसे उसे विभाग के संज्ञान में लाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव, प्राध्यापक सहित सभी स्टाफ एवं विद्यार्थियों के साथ माह में दो बार अपने अधीनस्थ कॉलेजों में राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान में भागीदारी निभाएं और उसकी रिपोर्ट विभाग को भेंजे।पाण्डेय ने कहा कि विद्यार्थियों को पुर्नमूल्यांकन में अगर अनुत्तीण छात्र के पांच प्रतिशत तक अंक की बढ़ौतरी होती तो उत्तीर्ण माना जाएगा परन्तु यह नियम मेरिट सुधार में लागू नहीं होगा ।
उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय का काम सिर्फ डिग्री बाटना नहीं होना चाहिए बल्कि छात्र-छात्राओं का कौशल उन्नयन भी उनका लक्ष्य होना चाहिए ताकि पढ़ाई पूर्ण करने के बाद विद्यार्थी को रोजगार के नये अवसर मिल सकें। उन्होंने रोजगार मूलक और समाज हितैशी पाठयक्रम को प्राथमिकता देना चाहिए।
उच्च शिक्षा मंत्री पाण्डेय का कहना था कि प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी नियमित अकादमिक गतिविधियों के साथ-साथ शिक्ष के क्षेत्र में किसी न किसी एक खास पाठयक्रम में भी अपनी पहचान बनाए, विश्वविद्यालयों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से पहचान मिले। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालये द्वारा ऐसे पाठयक्रमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो रोजगारमूलक होने के साथ ही समाज के हित में भी हो। पाण्डेय की अध्यक्षता में आयेाजित इस बैठक में उन्हें प्रदेश के विश्वविद्यालयों की काम-काज की जानकारी दी गयी। इस अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाण्डेय, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटिल, बस्तर विश्वविद्यालय जगदलपुर के डी. वासनिक, सरगुजा विश्वविद्यालय के कुलपति डी.एल. शर्मा, बिलासपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गौरी दत्त शर्मा, दुर्ग विश्वविद्याल के कुलपति डॉ. एन.के. दीक्षित, पंडित सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर के डॉ. बंश गोपाल सिंह और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ प्रोफेसर माण्डवी सिंह सहित उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सुनील कुमार कुजूर, उच्च शिक्षा आयुक्त बसवराजू उपस्थित थे।