रायपुर। केंद्र की मोदी सरकार के किसान विरोधी काले कानून की वापसी की मांग को लेकर दिल्ली में किसानों का 19 वा दिन पर भूख हड़ताल का निर्णय लिया है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ किसान मज़दूर महासंघ ने आज रायपुर धरना स्थल पर क्रमिक भूख हड़ताल प्रारम्भ किया. क्रमिक भूख हड़ताल बूढा तालाब स्थित धरना स्थल पर सुबह 10 से प्रारम्भ हुआ.
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के रूपन चन्द्राकर, तेजराम विद्रोही, पारसनाथ साहू और डॉ संकेत ठाकुर ने प्रदेश के किसानों के साथ साथ प्रबुध्द नागरिकों से अपील की है कि देश के अन्नदाता के साथ देश को खड़े होने की जरूरत है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति एवं दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के राष्ट्रीय आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से सम्बद्ध अनेक किसान एवं सामाजिक संगठनों द्वारा आज रायपुर सहित प्रदेश के अनेक स्थानों बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ आदि में भूख हड़ताल से विरोध प्रदर्शन किया गया.
बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में आज क्रमिक भूख हड़ताल के पहले दिन डॉ संकेत ठाकुर, विश्वजीत हारोडे, लक्ष्मी नारायण चन्द्राकर, लता शर्मा और सौरा यादव क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे. छत्तीसगढ़ के किसानों ने देशव्यापी किसान आंदोलन के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया.
किसान महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य कृषि वैज्ञानिक डॉ संकेत ठाकुर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन की आंच अब छत्तीसगढ़ के कोने कोने में फैल रही है और भूख हड़ताल का सिलसिला अब ब्लाक स्तर पर फैलेगा.
लक्ष्मी नारायण चन्द्राकर ने कहा कि अब छत्तीसगढ़ के किसान भी समझ गए है कि तीनों नये कृषि कानून छत्तीसगढ़ में भविष्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी धान खरीदी को रोक देंगे. इसीलिए अब जब तक ये कानून रद्द नहीं होंगे किसान आंदोलन फैलता जाएगा.
आदिवासी भारत सभा के सौरा यादव ने कहा कि कथित कृषि सुधार के नाम पर केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा कॉरपोरेट घरानों के हित में किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को गैर लोकतांत्रिक तरीके से पारित कराया है. इस कानून का अध्यादेश लाये जाने के समय से ही विरोध किया जा रहा है. लेकिन केन्द्र की मोदी सरकार इसे विपक्षी पार्टियों द्वारा फैलाये जा रहे भ्रम बता कर किसान आंदोलन को हल्के में लिया है जिसके परिणाम स्वरूप दिल्ली में आज दिल्ली में देशव्यापी किसान आंदोलन आगे बढ़ रहा है.
भूख हड़ताल को समर्थन देने रायपुर के नागरिक गण धरना स्थल पहुंचे, जिनमे प्रमुख थे, समाजवादी नेता मनमोहन सिंह सैलानी, उमाप्रकाश ओझा, लक्ष्मीकांत अग्रवाल, प्रिया हारोडे, पवन सक्सेना, जीवेश चौबे, एम एम हैदरी, सुखविंदर सिंह आदि.
कल ये रहेंगे भूख हड़ताल पर
कल 15 दिसंबर को क्रमिक भूख हड़ताल पर दूसरे दिन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन लाल साहू, राज्य सचिव तेजराम विद्रोही, सदस्यगण जहुर राम साहू, ललित कुमार, मनोज कुमार, हरख राम साहू रहेंगे.
भाजपा नेताओं के बयानों का कड़ा विरोध
किसान महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य पारसनाथ साहू, रूपन चन्द्राकर, डॉ संकेत ठाकुर, लक्ष्मीनारायण चन्द्राकर, सौरा यादव ने प्रदेश के पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल और मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के बयानों पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें इन दोनों भाजपा नेताओं ने किसान आंदोलन में वही पुराने जाने-पहचाने चेहरे, अर्बन नक्सली, टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों के शामिल होने की बातें कहीं है. महासंघ के नेताओं ने इनके बयानों को किसानों का अपमान बताते हुए कहा है कि यदि भाजपा के नेता किसानों का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम देश के अन्नदाता का अपमान तो ना करें. देश-प्रदेश के किसान इन काले कानूनों के खिलाफ व्यथित होकर सड़को पर हैं, इन्हें किसी अन्य संगठन का सदस्य बताना इनका सरासर अपमान करना है. अपने इन विवादास्पद बयानों के लिये भाजपा नेता देश के किसानों से बिना शर्त माफी मांगें.