मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप क्रियान्वित योजनाओं से छत्तीसगढ़ के किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है. राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही किसान हितैषी योजनाओं का लाभ लेकर राज्य के कृषक अब धान के अलावा अन्य फसलों की तरफ भी रुचि दिखा रहे है. किसान ग्रीष्मकालीन धान के साथ ही साथ अन्य फसलों जैसे कि गेहूं, अलसी, मसूर, मूंग की अच्छी पैदावार ले रहे हैं.

छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 70 फीसदी आबादी खेती-किसानी पर निर्भर है. राज्य का ज्यादातर क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमी प्रतिकूलता, कृषि आदान में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है. कृषि में पर्याप्त निवेश और काश्त लागत में किसानों को राहत देने के लिए राज्य शासन किसानों के हित में योजनाएं संचालित कर रही है. जिसका लाभ लेकर किसान न सिर्फ बेहतर उत्पादन ले रहे हैं, बल्कि आर्थिक रूप से भी सशक्त हो रहे हैं.

इसी कड़ी में कृषि विभाग द्वारा संचालित टरफा योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान राशि के माध्यम से बीज उपलब्ध कराया जा रहा है और उन्हें उन्हें धान की जगह अन्य फसलों की बुआई के लिए प्रोत्साहित किया जार हा है. धान के अलावा दूसरी फसलों की कम पानी और कम लागत में अच्छी पैदावार होने से जिले के किसान अच्छी आय हो रही है.

योजना का लाभ लेते हुए बिलासपुर जिले के विकासखंड तखतपुर के सिलतरा निवासी किसान राजेश यादव ने बताया कि उनके पास 1.5 एकड़ कृषि भूमि है. वे अपने खेत में धान की फसल बोते थे. इससे गर्मी में धान की फसलों को अत्यधिक पानी की आवश्यकता पड़ती थी. फलस्वरूप धान की पैदावार पर भी असर पड़ता था. राजेश के अनुसार राज्य शासन की योजना के अंतर्गत कृषि विभाग के माध्यम से उन्हें धान के बदले अन्य फसलों जैसे गेहूं, मूंग, मसूर, मक्का की खेती कम लागत और कम पानी में किए जा सकने की जानकारी मिली.

कृषि विभाग द्वारा गेहूं बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर और प्रदर्शन के लिए मसूर बीज प्राप्त हुआ. राजेश ने गेहूं और मसूर की मिश्रित बुआई की. जिससे कम पानी में फसलों की अच्छी पैदावार हुई. जिससे अच्छा लाभ प्राप्त हुआ. योजना से होने वाली अच्छी पैदावार और अच्छी आय को देखते हुए अब राज्य भर के किसान इस योजना की मिश्रित खेती के लिए प्रेरित हो रहे हैं.