रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार वाहनों के फिटनेस की जांच के लिए रायपुर में छत्तीसगढ़ का पहला ऑटोमेटिक फिटनेस टेस्टिंग सेंटर तैयार हो चुका है. इस सेंटर में अत्याधुनिक मशीनों से वाहनों की फिटनेस की जांच की जाएगी. सड़क हादसों को कम करने की दिशा में परिवहन विभाग के किए जा रहे प्रयासों की दिशा में इस सेंटर की स्थापना एक बड़ी उपलब्धि है.

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप परिवहन विभाग के जरिये व्यवस्थाओं के आधुनिकीकरण के दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है. परिवहन विभाग से जुड़ी विभिन्न सेवाओं को ऑनलाइन किया गया है. ड्राइविंग लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र को घर पहुंचा कर दिया जा रहा है. इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के फिटनेस निरीक्षण के कार्य को भी विभाग ऑटोमैटिक करने जा रहा है इस संबंध में सचिव परिवहन एस.प्रकाश ने बताया कि अब फिटनेस निरीक्षण का कार्य मानवीय हस्तक्षेप के बिना स्वचालित मशीन के द्वारा किया जाएगा.

आयुक्त परिवहन दीपांशु काबरा ने बताया कि ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर में मशीन के द्वारा रोलर ब्रेक टेस्ट, एक्सल भार टेस्ट, सस्पेंशन टेस्ट, साइड स्लिप टेस्ट, जॉइंट प्ले टेस्ट, स्टीयरिंग गियर प्ले टेस्ट, स्पीडो मीटर टेस्ट, स्पीड गवर्नर टेस्ट, एग्जॉस्ट गैस टेस्ट, हेड लाइट टेस्ट किए जाएंगे.

ट्रांसपोर्ट वाहन को 08 वर्ष की आयु से पूर्व प्रत्येक 02 वर्ष में फिटनेस प्रमाण निरीक्षण कराना होता है. 08 वर्ष से अधिक आयु के ट्रांसपोर्ट वाहन को प्रत्येक वर्ष फिटनेस निरीक्षण कराना होता है. यह नियम यात्री और माल यान दोनों के लिए होता है, जोकि यात्री या माल ले जाने के लिये कमर्शियल वाहन के रूप में प्रयुक्त होते हैं.

पूर्व में फिटनेस निरीक्षण का कार्य आरटीओ ऑफिस में इंस्पेक्टर के द्वारा किया जाता रहा है. इंस्पेक्टर द्वारा अनुभव के आधार पर विजुवल इंस्पेक्शन करने के बाद फिटनेस प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाता है. कई बार ऐसी परिस्थिति में वाहन-मालिक इस जांच से संतुष्ट नहीं हो पाते हैं. अनफिट वाहन यदि रोड में चलते हैं तो उनसे एक्सीडेंट की आशंका बनी रहती है. ट्रांसपोर्ट वाहन से एक्सीडेंट होने से जान-माल की हानि ज़्यादा होती है. इन्हीं सब तथ्यों को ध्यान रखते हुए हैवी गाड़ियों का फिटनेस 01 अप्रैल 2024 से ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर से अनिवार्यतरू कराये जाने हेतु अधिसूचना जारी की गई है.

राज्य के द्वारा ऑटोमोबाइल सेक्टर को गति देने के लिए स्क्रैपिंग नीति भी लायी गई है, जिसके तहत पुरानी गाड़ी को स्क्रैपिंग कराने पर नई गाड़ी ख़रीदने के दौरान टैक्स में 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. इस छूट का लाभ लेने के लिए पहले गाड़ी को ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर से निरीक्षण कराने के पश्चात रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर में स्क्रैपिंग कराना होगा. स्क्रैपिंग कराने के बाद नयी गाड़ी ख़रीदने के लिए टैक्स में छूट हेतु सर्टिफिकेट ऑफ़ डिपाजिट दिया जायेगा जिससे की छूट का लाभ मिलेगा. इसके अतिरिक्त यदि 15 वर्ष से अधिक आयु की ट्रांसपोर्ट गाड़ी ऑटोमेटेड फ़िटनेस सेंटर के फ़िटनेस परीक्षण में फेल हो जाती है तो ऐसी गाड़ी का पंजीयन निरस्त कर दिया जाएगा.

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