रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में आज बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखते हुए ऐफिडेविट में चल अचल संपत्ति का ब्योरा में असंगत-आनुपातहीन वृद्धि को आधार बनाते हुए सीबीआई, प्रवर्तन विभाग और इंकम टैक्स द्वारा मामले की संज्ञान लेते हुए जांच की मांग की.
सुनवाई के दौरान सीबीआईर के वकील ने मामले की ख़ारिज करने की मांग की. इसके साथ ही सीबीआई की अन्य केस में वयस्तता का हवाला दिया. पूर्व मुख्यमंत्री के वरिष्ठ अधिकवक्ता खरे ने अपना पक्ष रखे जाने के लिए समय मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी. सभी पक्षकार यदि चाहते हैं, तो उन्हें अपना पक्ष ऐफिडेविट के माध्यम से भी रखने का मौका दिया गया है.
याचिकाकर्ता विनोद तिवारी के वकील हर्षवर्धन परगनिया ने बताया कि 9 नवंबर 2020 को यह याचिका लगाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि साल 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डाॅक्टर रमन सिंह की ओर से शपथ पत्र में दी गई चल अचल संपत्ति की जानकारी में विरोधाभाष है. उन्होंने कहा कि साल 2008 की तुलना में 2018 में संपत्ति में कई गुना बढ़ोतरी दिखाई गई.
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने बताया कि पूर्व सीएम ने अपनी आय से अधिक संपत्ति का कोई भी विवरण नहीं दिया है. इसकी शिकायत हमने पीएमओ, सीबीआई, ईडी और इंकम टैक्स में की थी. मगर कहीं से कोई भी अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया. इसलिए हमने अंत में न्यायालय का शरण लिया है. यहां उन्हें जवाब देना होगा. यदि वे गलत हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.