रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नए मंत्रियों में एक नाम गजेंद्र यादव का है. दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव ने पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण वोरा को शिकस्त दी थी. विधायक बनने से पहले गजेंद्र यादव ने राज्य मुख्य आयुक्त स्काऊट-गाइड के रूप में छत्तीसगढ़ को स्काऊट-गाइड में नई पहचान दिलाई. यही नहीं उनके नाम अविभाजित मध्यप्रदेश के सबसे कम उम्र के पार्षद होने का रिकार्ड है.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े बिसरा राम यादव के पुत्र गजेंद्र यादव ने वर्ष 1996 में साइंस कालेज दुर्ग में बीएससी की पढ़ाई के दौरान अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत करते हुए स्व ताराचंद साहू के लोकसभा चुनाव में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जमीनी स्तर पर काम किया. उनकी सक्रियता को देखते हुए भाजपा ने उन्हें वार्ड अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी. अध्यक्ष के रूप में वर्ष 1998 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी रहे हेमचंद यादव के लिए काम किया.
पांच बार के पार्षद व पूर्व उपमहापौर को हराकर आए चर्चे में
भाजपा ने वर्ष 1999 में दुर्ग नगर निगम चुनाव में उन्हें कचहरी वार्ड से प्रत्याशी बनाया. चुनाव में गजेन्द्र ने पांच बार के पार्षद व पूर्व उपमहापौर रहे खेमलाल सिन्हा को हराकर पार्षद निर्वाचित होने के साथ शहर की राजनीति में चर्चे में आए. वे वर्ष 2005 तक पार्षद रहे. राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद तत्कालीन शिक्षामंत्री मेघाराम साहू ने वर्ष 2005 में यादव को स्काऊट गाइड का राज्य सचिव नियुक्त किया, इसके बाद पार्टी ने उन्हें वर्ष 2009 में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव की जिम्मेदारी दी.
स्काउट-गाइड में दिलाई प्रदेश को नई पहचान
गजेन्द्र यादव वर्ष 2015 में स्काऊट-गाइड के राज्य आयुक्त नियुक्त किए गए. उनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य स्काऊट गाइड ने पर्यावरण, कला, संस्कृति, यातायात जागरूकता, सामाजिक उत्तरदायित्व के कार्य करते महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हुए एक अमिट छाप छोड़ी. पर्यावरण के क्षेत्र में जिले के ग्राम कोड़िया देऊरझाल में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के मुख्य आतिथ्य में 1 लाख 53 हजार पौधे रोपे गए. इसी प्रकार यातायात सुरक्षा जागरूकता की दृष्टि से 10 हजार 622 बच्चों को प्रशिक्षित किया गया.
पिछड़ा वर्ग समागम में सभी समाज को किया एकजुट
अरुण साव के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद गजेंद्र यादव को उन्होंने भाजपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया. इस दायित्व का बखूबी निर्वहन करते हुए बहुत कम समय में पिछड़ा वर्ग के विभिन्न समुदायों की समस्याओं की ओर पार्टी का ध्यान आकृष्ट कराया. पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग मोर्चा का उन्होंने समागम आयोजित किया. पहली बार दुर्ग में इस आयोजन के माध्यम से उन्होंने सभी समाज के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया.
अरुण वोरा को 50 हजार मतों के अंतर से हराया
गजेंद्र यादव ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण वोरा को लगभग 50 हजार वोटों से हराया. गजेंद्र यादव को जहां 96 हजार 651 वोट मिले, वहीं अरुण वोरा को 48 हजार 376 मतों पर ही संतोष करना पड़ा. इस तरह से गजेंद्र यादव ने 48275 वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
बायोडाटा
गजेन्द्र यादव
पिता- बिसरा राम यादव
माता-स्व. कौशल्या बाई यादव
जन्मतिथि- 15/06/1978
शिक्षा- MA राजनीतिक शास्त्र
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