रायपुर. छत्तीसगढ़ में जिस तरह से चुनाव के दौरान लगातार नक्सली एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं और सुरक्षाकर्मियों व सरकारी अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं, ऐसे में चुनाव सफलतापूर्वक कराना प्रशासन के लिए काफी मुश्किल साबित हो रहा है. लेकिन तमाम विषम परिस्थितियों में भी तमाम सुरक्षाकर्मी और अधिकारी अपने फर्ज को पूरा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं. आपने बॉलीवुड की फिल्म न्यूटन देखी होगी जिसमे राजकुमार राव चुनाव अधिकारी की भूमिका में नजर आते हैं और वह तमाम चुनौतियों के बीच चुनाव कराने को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करते हैं. कुछ इसी तरह आज छत्तीसगढ़ में हो रहे चुनाव के दौरान एक नहीं बल्कि कई न्यूटन चुनावी ड्यूटी कर रहे हैं.
चुनावी ड्यूटी में तमाम सरकारी अध्यापक, आंगनवाड़ी और पंचायत के कार्यकर्ता शामिल हैं जोकि जंगल, नदी, तालाब आदि को पार करके अपनी जिम्मेदारी को निभा रहे हैं. ये लोग बस्तर के विषम इलाकों में चुनावी ड्यूटी करने के लिए पहुंचे हैं, जोकि नक्सल प्रभावित इलाका है. छ्त्तीसगढ़ के कई इलाके ऐसे हैं जहां 20 साल में पहली बार चुनाव हो रहे हैं. अधिकारी बड़े गर्व से कहते हैं कि कई ऐसी जगहों पर चुनाव हो रहा है जो अभी तक गूगल मैप पर भी नहीं है.
चुनाव में तैनात इन अधिकारियों से मुलाकात के बाद न्यूटन फिल्म के हीरो राजकुमार राव की कहानी इनसे काफी मिलती-जुलती लगती है. अधिकारियों को तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए चुनाव ड्यूटी पर जाना पड़ रहा है, जहां उन्हें जान का भी खतरा है, लेकिन कोई भी इसकी शिकायत नहीं कर रहा है. हालांकि कुछ कहते हैं कि वह डरे हुए हैं लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे.
पिता-भाई के लिए
सुकुमा जिले की 25 वर्षीय आंगनवाड़ी महिला भी चुनावी ड्यूटी में शामिल हैं. वह कहती हैं कि वह यह अपने पिता और भाई के लिए कर रही हैं, दोनों को सलवा जुडुम के दौरान हुए माओवादी हमले में मारे गए थे. महिला का कहना है कि वह हमेशा से ही अपने पिता की तरह कुछ क्रांतिकारी करना चाहती थी, तो मैं ये अपने पिता और भाई के लिए कर रही हूं, हमे यहां शांति और उम्मीद चाहिए, सफल चुनाव इस दिशा में काफी अहम है.
अविवाहित होने की वजह से चुना गया
सुकुमा के ही 22 वर्षीय पंचायत कार्यकर्ता जोकि चुनाव ड्यूटी में शामिल हैं का कहना है कि अपने इलाके में मैं एकमात्र ऐसा व्यक्ति हूं जोकि इस चुनावी ड्यूटी में हिस्सा ले रहा है. अविवाहित होने की वजह से मुझे चुना गया है, मैं थोड़ा डरा हुआ हूं, लेकिन कोई बात नहीं, मैं अपने गांव में पहला व्यक्ति हूं जो कि हेलीकॉप्टर में बैठेगा. वहीं 30 वर्षीय अध्यापक जोकि चुनाव ड्यूटी में शामिल हैं का कहना है कि मैं हमेशा ही अपने छात्रों को यह पढ़ाता हूं कि आपको अपने देश के लिए कुछ करना चाहिए. अब यह मेरा समय है कि मैं देश के लिए कुछ करूं. अगर आप मुझसे पूछे कि मैं कैसा महसूस कर रहा हूं, तो मुझे पता नहीं है, लेकिन मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं भगत सिंह की तरह कुछ कर रहा हूं.