बिलासपुर। बस्तर संभाग में आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक सराहनीय मानवीय पहल की है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के मार्गदर्शन और संवेदनशील नेतृत्व में, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, रजिस्ट्री के अधिकारियों, जिला न्याय पालिका के न्यायिक अधिकारियों और प्रतिनियुक्ति में पदस्थ अन्य न्यायिक अधिकारियों ने स्वेच्छा से एक दिन का वेतन- कुल ₹26,40,506/- मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराया है।

बता दें कि इस पहल का उद्देश्य बस्तर में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करना और उन्हें कठिन परिस्थितियों में राहत पहुँचाना है। न्यायपालिका ने इस योगदान को केवल वित्तीय सहायता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे प्रभावित परिवारों के प्रति सहानुभूति, मानवता और एकजुटता का प्रतीक बताया।

उच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायपालिका हमेशा अपने संवैधानिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व निभाने में भी अग्रणी रही है। इस पहल में न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों ने अपनी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय देते हुए यह संदेश दिया कि विपदा की स्थिति में सहयोग और सहानुभूति ही समाज की असली ताकत है।

गौरतलब है कि इस तरह की पहल न केवल प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत का माध्यम बनेगी, बल्कि अन्य संस्थानों और नागरिकों को भी प्राकृतिक आपदा पीड़ितों की सहायता में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करेगी।

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