रायपुर। भारत के हृदय में बसे छत्तीसगढ़ राज्य के सामने अपने निर्माण वर्ष 2000 में काफ़ी बड़ी बड़ी चुनौतियां थी। आदिवासी क्षेत्रों में विकास की कमी, नक्सलवाद, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, उद्योग-निवेश की सीमित संभावनाएँ और आर्थिक ढांचामगर जब हम रजत जयंती वर्ष 2025 में खड़े होकर देखते हैं तो पाते हैं राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य अब केवल संसाधनों का केंद्र नहीं, बल्कि उद्योग, ऊर्जा, कृषि, शिक्षा, तकनीक और सुशासन का उभरता हुआ मॉडल बन रहा है।


इस वर्ष 1 नवंबर को राज्योत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जिसने पूरे प्रदेश को एकता, संस्कृति, प्रगति और गर्व की डोर से जोड़ा। इस अवसर पर राज्य की उपलब्धियां प्रस्तुत हुईं, योजनाओं के उद्घाटन हुए, और यह संदेश दिया गया कि “छत्तीसगढ़ अब आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार ने इस उत्सव को सिर्फ मनोरंजन का कार्यक्रम न बनाकर, विकास-दृष्टि और जनभागीदारी का उत्सव बना दिया।

राज्य गठन की यात्रा: 2000 से 2025 तक
आदिवासी बहुल छत्तीसगढ़ राज्य जल, खनिज और वन-संपदा से हमेशा से ही समृद्ध रहा मगर अपने निर्माण वर्ष के कई वर्ष तक नव गठित छत्तीसगढ़ वैसा विकास नही कर पाया था जिसका कि वो हक़दार था। मगर छत्तीसगढ़ में कुशल नेतृत्व के आरूढ़ होते ही प्रदेश के विकास का चक्र गतिमान हो गया है। आज राज्य के गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछ गया है, लाखों परिवारों तक बिजली-कनेक्शन पहुँच गया, शिक्षा का दायरा अप्रत्याशित रूप से बढ़ा, स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ी, उद्योग, आईटी, स्टील, पावर सेक्टर मजबूत हुए और सबसे बड़ी बात नक्सलवाद जैसी बाधाओं में कमी आई।पिछले एक वर्ष में विष्णुदेव साय सरकार ने इस यात्रा की रफ्तार और तेज कर दी है। सरकार ने यह स्पष्ट किया कि रजत जयंती महोत्सव एक विराम नहीं बल्कि नए अध्याय का आरंभ है।नवंबर का राज्योत्सव केवल बीते 25 वर्षों का लेखा जोखा नहीं बल्कि आने वाले 25 वर्षों का संकल्प है।”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार में लिया प्रदेश ने नया आकार
जबसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पद संभाला तब से ही विकास जमीन पर दिखाई देने लगा है। ऐसी व्यवस्थाएँ तैयार की जा रही है कि सामज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक भी शासन की पहुँच बन सके। प्रदेश की साय सरकार का मानना है कि “समावेशी विकास ही असली विकास है।” इसके लिए राज्य की साय सरकार ने 3 मूलभूत सिद्धांत लिए पहला पारदर्शिता दूसरा तेजी और तीसरा टेक्नोलॉजी। इन्हीं सिद्धांतों पर आधारित होकर राज्य सरकार की योजनाएँ , नीति और निर्णय लिए जा रहे हैं।

रजत जयंती वर्ष पर छत्तीसगढ़ की साय सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर एक नज़र
जिस बस्तर को कभी “संघर्ष की भूमि” कहा जाता था। आज उसे ही “परिवर्तन की भूमि” कही जाने लगी है। नक्सलवाद के खिलाफ मिली सफलता को राज्य की साय सरकार की एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है।
सरकार ने माओवादी क्षेत्र में सुरक्षा के साथ-साथ विकास को हथियार बनाया जिसके परिणामस्वरूप कई माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं बस्तर के दुर्गम इलाक़ों तक सड़क, पुल, बिजली, मोबाइल नेटवर्क तेजी से पहुँचाई जा रही है। पुलिस कैंप और सुरक्षा चौकियों की संख्या में काफ़ी बढ़ोतरी की जा रही है। वर्षों से बंद पड़े स्कूल खोले जा रहे हैं। ग्रामीणों तक राशन और स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुँचाई जा रही है। यह पहली बार है जब बस्तर के लोग कह रहे हैं—“अब बंदूक से ज्यादा भरोसा विकास पर है।” बंद स्कूलों की बहाली और शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने लक्ष्य बनाया “स्कूल सिर्फ खुले नहीं रहने चाहिए, उनमें पढ़ाई भी हो।” मुख्यमंत्री ने कई बार कहा कि शिक्षा भविष्य की कुंजी है। इसके लिए राज्य की साय सरकार ने कई परियोजनाएँ आरम्भ की है जिसमें शिक्षकों की भर्ती, डिजिटल कक्षाएँ ,आवासीय विद्यालय,स्वच्छ पेयजल और शौचालय व्यवस्था, लड़कियों की शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा हैं। राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के इन सुप्रयासों के सुपरिणाम स्वरूप लंबे समय से बंद 300+ स्कूल फिर से चालू हुए , हजारों बच्चे दोबारा स्कूल लौटे बस्तर, कांकेर और नारायणपुर में शिक्षा-सुधार मॉडल लागू हो पाया। पहले आदिवासी क्षेत्रों में इलाज के लिए उनको दूर शहर जाना पड़ता था मगर अब स्थिति बदल रही है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाई गईं हैं, डॉक्टरों की पर्याप्त नियुक्ति की गई है, मोबाइल मेडिकल यूनिट आरम्भ किया गया है, कैंपों में स्वास्थ्य जांच,मातृ-शिशु पोषण कार्यक्रम ,मलेरिया, डेंगू और कुपोषण पर विशेष अभियान चला कर प्रदेश की साय सरकार ने घोषणा की कि “हर नागरिक तक दवा, इलाज और सुविधा पहुँचेगा—यही है असली विकास।”
छत्तीसगढ़ की आत्मा गांवों में बसती है। इसलिए साय सरकार ने किसानों को सबसे ऊपर रखा। किसानों को राहत और समर्थन देने के लिए राज्य की डबल इंजन सरकार ने उनसे समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड खरीदी की धान, मक्का, उद्यानिकी फसलों को नया बाजार दिया, सिंचाई परियोजनाओं को गति दी गई, उर्वरक और बीज आसानी से उपलब्ध कराए गए और पशुपालन और डेयरी विकास पर ध्यान दिया गया जिसके परिणामस्वरूप राज्य के किसानो की आय में उम्मीद से बढ़कर वृद्धि हुई, फसलों के उत्पादन लागत में कमी आई है और कृषि आधारित रोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है,
रजत जयंती वर्ष और छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास और रोजगार
छत्तीसगढ़ की साय सरकार के नेतृत्व में राज्य में उद्योगों के लिए नई नीतियां लागू की गईं है जिसमें सिंगल विंडो सिस्टम, ऑनलाइन स्वीकृति और निवेशकों के लिए विशेष प्रोत्साहन प्रमुख है। इससे स्टील, सीमेंट, पावर सेक्टर में मजबूती आई है । पहली बार एआई डेटा सेंटर और सेमीकंडक्टर निर्माण की दिशा में कदम उठाया गया है। MSME और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है और युवाओं के लिए रोजगार और प्रशिक्षण की बड़ी योजनाएँ बनाई जा रही है जिसके लिए “5 साल में लाखों नए रोजगार” सर्जन का लक्ष्य रखा गया है। अपने रजत जयंती वर्ष तक छतीसगढ़ राज्य ऊर्जा और सौर क्रांति की दिशा में भी बहुत आगे बढ़ गया है।
डबल इंजन वाली सरकार में छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन में पहले से काफ़ी मजबूत हुआ है। अब प्रदेश की साय सरकार का फोकस हरित ऊर्जा, विशेषकर सोलर एनर्जी पर है। जिसका लक्ष्य लाखों ग्रामीण घरों और खेतों तक सौर ऊर्जा पहुँचाना, सौर सिंचाई पंप की व्यवस्था, छतों पर सोलर पैनल का प्रसार और राज्य की जनता को बिजली बिल में भारी बचत दिलाना है।
सड़क, पुल, कनेक्टिविटी और परिवहन में सुधार कर के राज्य की साय सरकार ने दिखा दिया है कि रास्ते बदलते हैं, तो ज़िंदगी बदलती है।बस्तर, जशपुर, सरगुजा, कबीरधाम, गरियाबंद में नई सड़कों का निर्माण किया गया ,बस सेवाओं की नई शुरुआत की गई। नयी रेल परियोजनाएँ तेज़ की गई और गाँवों को शहरों से जोड़ने का काम वृहद् पैमाने पर किया जा रहा है। अब लोग कहते हैं कि “जहाँ पहले पहुँचने में दिन लगता था, अब घंटे लगते हैं।”
पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देकर राज्य की साय सरकार कर रही तैयारी दुनिया को छत्तीसगढ़ दिखाने की बस्तर के चित्रकोट, तीरथगढ़, मैनपाट, बारनवापारा, सिरपुर, राजिम, बस्तर दशहरा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुँचाने का प्रयास राज्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश के हर जिले की सांस्कृतिक पहचान को प्रकाश में लाया जा रहा है। होम-स्टे और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। , हस्तशिल्प, काष्ठकला, बेलमेटल को अंतर्राष्ट्रीय बाजार दिया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है छत्तीसगढ़ पहुँचाने वाला हर पर्यटक छत्तीसगढ़ की स्मृति साथ लेकर जाए।
राज्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी किए जा रहे उपाय
राज्य में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने स्व-सहायता समूह को सशक्त बनाने पर ज़ोर दिया है। बहुत सी महिला उद्यमी योजनाएँ प्रकाश में आ रही है। महिला पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर विशेष परियोजनाएँ लागू की जा रही है और विभिन्न स्थानो में महिला उत्पाद स्टॉल लगाए जा रहे हैं। परिणाम यह हो रहा है कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों महिलाएँ आर्थिक रूप से सक्षम हुई हैं।
राज्य के रजत जयंती वर्ष में साय सरकार की डिजिटल और सुशासन मॉडल की है चर्चा
साय सरकार ने प्रशासन में पारदर्शिता का डिजिटल ढांचा खड़ा किया है जिसमें ऑनलाइन सेवाएँ, शिकायत निवारण, सरकारी योजनाओं की निगरानी और लाभार्थियों को सीधा लाभ शामिल किया है। “सुशासन तिहार” नामक अभियान के माध्यम से हर ब्लॉक-गाँव में सरकार जनता के बीच पहुँची।
साय सरकार और भविष्य का रोडमैप — अगले 25 वर्षों का सपना
रजत जयंती वर्ष केवल स्मृति नहीं बल्कि संकल्प है। राज्य की डबल इंजन सारकार के सामने उनका लक्ष्य स्पष्ट है जिसमें है नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त करना, 24×7 बिजली, पानी, सड़क की दुरुस्त व्यवस्था, 100% स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता, किसानों की आमदनी दोगुनी, बड़े उद्योग के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था का संतुलन, पर्यटन, आईटी, डेटा सेंटर, ग्रीन एनर्जी हब और युवाओं को कौशल और रोजगार देना।
प्रदेश की साय सरकार का विज़न स्पष्ट है—“एक ऐसा छत्तीसगढ़, जहां हर परिवार सुरक्षित, समृद्ध और सम्मानित जीवन जी सके।”
प्रदेश की साय सरकार और रजत जयंती का महत्व
25 साल का समय कम नहीं होता। यह एक यात्रा है—संघर्ष की, बदलाव की, सपनों की और जीत की। छत्तीसगढ़ ने ये साबित किया है कि संसाधन से ज्यादा जरूरी “इरादा और नीयत” है।आज छत्तीसगढ़ अपने मुखिया के दिशा निर्देश पर बदल रहा हैं, बढ़ रहा हैं और एकजुट हो रहा है। प्रदेश की रजत जयंती केवल उत्सव नहीं, जिम्मेदारी है।जो बताती है कि अब कुशल नेतृत्व मिल चुका है और हमें तेजी से विकास करना चाहिए। हर नागरिक तक समान अवसर, हर गांव तक सरकारी पहुँच और हर बच्चे का भविष्य उज्ज्वल करने वाली साय सरकार से जनता को काफ़ी उम्मीदें हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संदेश बहुत सरल है— “सरकार जनता की है, जनता के बीच है, जनता के लिए काम कर रही है।” अगर यह विश्वास कायम रहता है, तो अगली बार छत्तीसगढ़ अपनी स्वर्ण जयंती (50 वर्ष) मनाएगा, तब दुनिया इसे एक मॉडल राज्य के रूप में देखेगी।

