रायपुर। ‘छत्तीसगढ़: इतिहास और संस्कृति’ को केन्द्र सरकार ने सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार दिया है. ये किताब छत्तीसगढ़ के इतिहास शोधकर्ता डॉ संजय अलंग ने लिखी है. जिसे भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सर्वश्रेष्ठ इतिहास और शोध पुस्तक के रूप में स्वीकार किया है. इस किताब और इसके लेखक डॉ संजय अलंग को केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा एक लाख रुपए का राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने की सूचना दी गई है.
छत्तीसगढ़ पर लिखी गई ये किताब और डॉ अलंग द्वारा लिखी गई दूसरी पुस्तकें पहले से गहन शोध अध्य्ययन और उच्च शिक्षा सहित सभी विभागों में लोकप्रिय और स्थापित हो चुकी हैं.
आपको बता दें कि इन पुस्तकों की मांग उच्च प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी बनी हुई है. डॉ अलंग की शोध पुस्तकें अनामिका प्रकाशन, इलाहाबाद से प्रकाशित हुई हैं.
इतिहास की इस पुस्तक में गहन शोध के बाद छत्तीसगढ़ के तीनों क्षेत्र खालसा, रियासत और जमींदारों का पूरा इतिहास सामने आया है. इसमें कई नई बातें जैसे छत्त्तीस क्या है? गढ़ क्या है? 1857 की सरगुजा की क्रांति, बिलासा धीवरिन का इतिहास, रियासतों का इतिहास और झंडे, स्थानीय भूगोल और इतिहास से संस्कृति का उदय, जातियों और जनजातियों की भूमिका, जनता का सामाजिक-आर्थिक इतिहास सहित कई रोचक और नए तथ्य सामने आए हैं.
इन पुस्तकों में स्थानीय तत्व और मुखर हो कर सामने आते हैं. वैसे भी डॉ अलंग अपने एक इंटरव्यू में यह कह चुके हैं कि छत्तीसगढ़ उनकी सांसों और सपनों में बसता है.
डॉ अलंग की छत्तीसगढ़ पर लिखी पुस्तकें जो दस से अधिक हैं, मील का पत्थर साबित हुई हैं और शिक्षा पुरस्कार योजना में पुरस्कृत हुई हैं. संजय अलंग की दो कविता संग्रह भी प्रकाशित है, जिसके लिए उन्हें इसी साल दिनकर सम्मान दिया गया है.