जशपुर..  प्रदेश 10 मजदूरों को तमिलनाडू के मल्लूर में बंधक बनाकर प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के जशपुर के है, जिन्हें रबर कम्पनी के मालिक ने बंधक बनाकर रखा है. इस बात की सूचना जब राज्यसभा सांसद रणविजय सिंह जूदेव को मिली तो उन्होंने तत्काल  पुलिस को इसकी जानकारी दी और बंधक मजदूरों रिहा कराये जाने का आग्रह किया. जशपुर पुलिस ने बताया कि मजदूरों को रिहा करने के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम तमिलनाडू रवाना कर दी गई है.

रोजगार की तलाश में तमिलनाडू पहुंचकर भटके युवकों को एक रबर कम्पनी के द्वारा बंधक बना लिया गया है. तमिलनाडू के मल्लूर बन्धनम नामक स्थान पर एक रबर कम्पनी के कैम्पस में मजदूरों ने एक माह से खुद को बंद होना और बिना मजदूरी दिए प्रताड़ना के साथ जानवरों की तरह काम कराया जाना बताया है. आमदनी की चाह में निकले युवकों ने बताया कि उनकी जान पर बन आई है और उनके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है. बंधक बने जशपुर जिले के मजदूरों ने सांसद रणविजय सिंह जूदेव को फोन पर आप बीती सुनाते हुए मदद की गुहार लगाई.

 

मजदूरों ने अपने हालात की तस्वीरें भी भेजी है, जिसमें उनकी प्रताड़ना व दुर्दशा साफ झलक रही है.  मजदूरों ने सांसद जूदेव को कहा कि आप आखिरी उम्मीद हैं और मदद नहीं पहुंची तो उनका जिंदा रहना भी संभव नही है. जिस पर सांसद रणविजय सिंह जूदेव ने तत्काल एसपी प्रशांत सिंह ठाकुर को स्थिति से अवगत कराते हुए तत्काल करवाई करने कहा.  मामले को संज्ञान में लेते हुए एसपी प्रशांत सिंह ठाकुर ने कहा कि जशपुर से मदद के लिए टीम रवाना किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि मामले में एफआईआर तमिलनाडू से ही होगा क्योंकि तथाकथित बंधकों के जिले में कोई गुम इंसान दर्ज नहीं हैं. इधर बंधकों की हालत बहुत खराब बताई जा रही है.  रविवार सुबह बंधक बने एक युवक ने दूरभाष के जरिये बताया कि रविवार को रबड़ कंपनी के मालिकों की प्रताड़ना से 4-5 मजदूर भागने में सफल हुए, जिसकी तलाश की जा रही है और वो पकड़े गए तो उनके साथ बहुत मारपीट होगी और कुछ भी हो सकता है. तत्काल मदद नहीं मिलती है तो मजदूरों के जान पर भी बात आ सकती है.

ये हैं बंधक मजदूर

बंधक बने 10 मजदूरों में 9 मजदूर जशपुर जिले के हैं वहीं एक मजदूर पड़ोसी बलरामपुर जिले के ग्राम कुसमी का बताया गया है.  10 मजदूरों में महेशपुर निवासी तुलसी दास पिता संतोष दास(18), केराडीह  निवासी संजू महंत(21), रनपुर निवासी शिवम राम (23), पहार मुड़ा निवासी सुरेन्द्र सिंह पिता लक्ष्मण(23), शिवलाल राम पिता जलधर राम(27), आनंद दास पिता दशरथ दास(24), दकेश्वर दास(21), राहुल दास (21), कुसमी निवासी राजनथस यादव(18), केरडीह निवासी आकाश कुमार(21) शामिल हैं. मजदूरों ने बताया वो एक माह से इस स्थिति में हैं, उनके पास एक पैसा भी नहीं है और वो बेबस हैं. छिपे मजदूर पकड़े गए तो कुछ भी हो सकता है और जो कंपनी के कैम्पस के अंदर हैं वो भी प्रताड़ित हैं और भागे मजदूरों की सजा भी इनको भुगतनी पड़ रही है.