रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में ईडी की ओर से दर्ज केस में आरोपी अरविंद सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, लेकिन EOW द्वारा दर्ज मामले में अरविंद सिंह अभी भी जेल में ही रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट में आरोपी अरविंद की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल और अधिवक्ता शशांक मिश्रा ने पैरवी की.

सुनवाई के दौरान ईडी ने आरोप लगाया कि अरविंद सिंह ने विकास अग्रवाल के साथ मिलकर 40 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की. जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है तो ईडी ने बताया कि वह फरार है. इस पर कोर्ट ने कहा कि ईडी के पास सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं है. इस तरह के आरोप टिकाऊ नहीं है.

बता दें कि शराब घोटाला मामले में फरार आरोपी शराब कारोबारी अरविंद सिंह को ईडी ने दुर्ग के रामनगर मुक्तिधाम से 12 जून 2023 को गिरफ्तार किया था. अरविंद की माता कमला देवी का निधन हो गया था. उनके अंतिम संस्कार के लिए अरविंद पहुंचा था, जहां ईडी ने उसे धर दबोचा था.

10 माह से रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद है अरविंद सिंह

ईडी के अनुसार, यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जिसमें सरकारी शराब दुकानों से नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब बेची गई. इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. इस घोटाले में कई सरकारी अधिकारी और व्यापारी शामिल थे. शराब घोटाले मामले में अरविंद सिंह पिछले 10 महीने से रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद है. हाईकोर्ट से जमानत मिलने के एक दिन बाद ही EOW की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था. 4 अप्रैल को अरविंद सिंह के साथ अनवर ढेबर को भी गिरफ्तार किया गया था. दोनों को 14 दिन हिरासत में रखकर EOW ने पूछताछ की. इसके बाद 18 अप्रैल को कोर्ट ने सुनवाई के बाद 14 दिन यानि 2 मई तक फिर से जेल भेज दिया था.