रायपुर। नक्सली अभियान में अंतर्राज्यीय सीमाएं बाधक नहीं हो, इस बारे में दुर्ग आईजी जीपी सिंह ने संभाग के नक्सल प्रभावित जिले राजनांदगांव और कबीरधाम के पुलिस अधीक्षक, आईटीबीपी और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों समेत महाराष्ट्र के गोंदिया, मध्यप्रदेश के बालाघाट और मंडला के एसपी और सीनियर ऑफिसर्स की बैठक ली. बैठक कल राजनांदगांव में हुई, जिसमें नक्सली अभियान को लेकर चर्चा की गई.
बैठक में तय किया गया कि नक्सली इलाके में नक्सलियों के बड़े लीडर्स के बारे में सूचना हासिल कर संयुक्त ऑपरेशन चलाया जाए. नक्सल अभियान के दौरान आने वाली कठिनाईयों और चुनौतियों से निपटने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई. साथ ही सूचना तंत्र को ज्यादा व्यापक और प्रभावी बनाया जाए, इस बारे में अंदरुनी इलाकों में सिविक एक्शन के तहत खेल गतिविधियां, मेडिकल कैंप और जागरुकता अभियान चलाकर आम लोगों के मन में सुरक्षा की भावना लाने के बारे में दिशा-निर्देश दिए गए.
बैठक में अति संवेदनशील नक्सली क्षेत्रों, थाना, कैंप और सुरक्षा के मद्देनज़र महत्वपूर्ण जगहों को चिन्हांकित करते हुए एक्स्ट्रा फोर्स लगाने का भी फैसला लिया गया.
कल हुई 3 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में नए क्षेत्र में नक्सलियों के प्रसार को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की कार्ययोजना भी तैयार की गई. सरेंडर करने वाले नक्सलियों के लिए सरकार द्वारा संचालित पुनर्वास नीति को गंभीरतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया और विकास की दृष्टि से पिछड़े इलाकों में सड़क और संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला कलेक्टर के जरिए कार्रवाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए.
साथ ही नक्सली अभियानों के दौरान सुरक्षा बलों के निचले स्तर के अधिकारियों के सुझावों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत पर बल देने का मुद्दा भी बैठक में उठा.